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घटिया चीनी झारखंड पहुंची

गरीबों को देने के लिए कोल्हापुर महाराष्ट्र के वारणा शुगर मिल से मंगायी गयी रांची : कोल्हापुर महाराष्ट्र के वारणा शुगर मिल से झारखंड आयी चीनी थर्ड ग्रेड की है. कंपनी ने पैकेट पर इसे सफेद चीनी, एस-30 लिखा है. चीनी की कीमत पर शक की गुंजाइश चीनी की खेप पहुंचने के बाद और बढ़ […]

गरीबों को देने के लिए कोल्हापुर महाराष्ट्र के वारणा शुगर मिल से मंगायी गयी
रांची : कोल्हापुर महाराष्ट्र के वारणा शुगर मिल से झारखंड आयी चीनी थर्ड ग्रेड की है. कंपनी ने पैकेट पर इसे सफेद चीनी, एस-30 लिखा है. चीनी की कीमत पर शक की गुंजाइश चीनी की खेप पहुंचने के बाद और बढ़ गयी है.
गौरतलब है कि सरकार एक-एक किलो के पैकेट में पैक इस चीनी के लिए कंपनी को प्रति पैकेट 35.55 रु दे रही है.
वहीं गरीबों को यह चीनी 18.35 रु प्रति पैकेट (किलो) मिलनी है. चीनी की दर को अधिक बताने तथा चीनी खरीद में अनियमितता के बीच विभाग ने चीनी के आपूर्ति आदेश पर रोक लगा दी है. पर इस बीच दो रैक (करीब 40 हजार क्विंटल) चीनी झारखंड पहुंच चुकी है. गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में सरकार ने सात लाख टन चीनी खरीद की योजना बनायी है.
इधर झारखंड पहुंच चुकी चीनी जरूरत के अनुसार सभी जिलों को भेजी जा रही है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि सभी जिलों में पहुंच जाने के बाद गरीबों के बीच इसका वितरण शुरू किया जायेगा. चीनी का पहला रैक करीब 20 दिन पहले पहुंचा था. वहीं दूसरा रैक शुक्रवार 24 जुलाई को रांची पहुंचा है. रांची जिले की करीब 24 हजार क्विंटल चीनी एसएफसी गोदाम, कडरू में रखी है.
प्रदीप यादव ने भीकी है शिकायत
पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने भी इस चीनी को कम गुणवत्ता वाला बताया है. श्री यादव के अनुसार, खुले बाजार से उन्होंने एक किलो चीनी 23 रुपये में खरीदी, जो सरकारी आपूर्ति वाली चीनी से बेहतर है. श्री यादव का कहना है कि केंद्र सरकार प्रति किलो 18.50 रुपये की सब्सिडी दे रही है. वर्तमान दर से चीनी की खरीद में राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान के मुद्दे पर उन्होंने चीनी खरीद का टेंडर रद्द करने की मांग की है.

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