नहीं बना एक भी पंचायत भवन, बैठक के लिए जगह नहीं

ऐसी है राजधानी से सटे रातू प्रखंड में पंचायती व्यवस्था जेनरेटर, कंप्यूटर से लेकर सारे सामान मुखिया के घर की बढ़ा रहे हैं शोभा सातों भवन हैं अधूरे मनोज लाल रांची : रातू प्रखंड में एक भी पंचायत भवन नहीं बन सका है. यहां सात पंचायत भवनों का निर्माण होना था. इसके लिए जगह का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2015 1:24 AM
ऐसी है राजधानी से सटे रातू प्रखंड में पंचायती व्यवस्था
जेनरेटर, कंप्यूटर से लेकर सारे सामान मुखिया के घर की बढ़ा रहे हैं शोभा
सातों भवन हैं अधूरे
मनोज लाल
रांची : रातू प्रखंड में एक भी पंचायत भवन नहीं बन सका है. यहां सात पंचायत भवनों का निर्माण होना था. इसके लिए जगह का चयन हो गया है और काम भी शुरू हुआ है, लेकिन आज तक सारे पंचायत भवन अधूरे पड़े हैं. इसका नतीजा है कि पंचायतों से संबंधित बैठक इधर-उधर करना पड़ रहा है.
हर पंचायत के समक्ष यह संकट हो रही है. किसी तरह बैठकें हो रही हैं. इतना ही नहीं पंचायत भवन के लिए आये कंप्यूटर, टेबल-कुरसी, जेनरेटर, अलमीरा सहित अन्य सामान मुखिया के घर में पड़े हैं. इससे पूरी पंचायती व्यवस्था को चलाने में परेशानी हो रही है.
बनने थे सात भवन
यहां प्रखंड मुख्यालय के साथ ही पुरियो, बनापीड़ी, बाजपुर, रातू उतरी, रातू पश्चिमी, रातू पूर्वी में पंचायत भवन बनाना था. एक भवन पर करीब 21.12 लाख रुपये खर्च होने हैं.
क्या है परिकल्पना
पंचायत भवनों के निर्माण के पीछे यह उद्देश्य था कि उक्त पंचायतों के सारे सरकारी क्रियाकलाप यहीं से हो. यहां से जनता से जुड़े विभिन्न कार्यो का निष्पादन भी हो. यहां पर पंचायत का पूरा ऑफिस चले.
बार-बार पंचायती राज विभाग की ओर से यह निर्देश दिया जा रहा है कि सारे पंचायत भवन को पूर्ण करें, ताकि जनता के सारे कार्यो का निष्पादन एक ही जगह से हो. उन्हें प्रखंड मुख्यालय दौड़ना न पड़े.
2011 में ही शुरू हुआ था काम : सारे पंचायत भवनों का काम 2011 में शुरू हुआ था. इसे बीआरजीएफ व मनरेगा के कन्वर्जेस से बनवाया जा रहा था. फिलहाल कुछ भवनों का ग्राउंड फ्लोर का भी काम नहीं हुआ है. यह भी शिकायत है कि कहीं-कहीं पर करीब 20 लाख रुपये तक की निकासी हो गयी है, लेकिन भवन अधूरा है.
रातू पूर्वी का भवन बन रहा उतरी में : सबसे दिलचस्प बात है कि रातू पूर्वी में जो पंचायत भवन बनना था, उसे रातू उतरी में बनाया जा रहा है. वहीं रातू उतरी का पंचायत भवन अपने निर्धारित क्षेत्र उतरी में ही बन रहा है. इसका लोगों ने विरोध किया था, फिर भी दो-दो पंचायत भवन उतरी में ही बना दिये गये.

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