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नाबालिग था जेल में आत्महत्या करनेवाला सागर

रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में दो अगस्त को आत्महत्या करनेवाला कांके के सुकरहूटु निवासी सागर पाहन नाबालिग था. नाबालिग होने के बाद भी पुलिस ने उसे 27 जुलाई को जेल भेज दिया था. सागर 27 जुलाई को 17 साल छह माह 20 दिन का था. उसने 2012 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2015 12:58 AM
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रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में दो अगस्त को आत्महत्या करनेवाला कांके के सुकरहूटु निवासी सागर पाहन नाबालिग था. नाबालिग होने के बाद भी पुलिस ने उसे 27 जुलाई को जेल भेज दिया था. सागर 27 जुलाई को 17 साल छह माह 20 दिन का था.
उसने 2012 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी. मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन स्लीप के अनुसार, उसका जन्मतिथि 08.01.1998 था.
पुलिस ने उसे युवती के अपहरण के मामले में जेल भेजा था. पुलिस ने कोर्ट में उसकी उम्र 19 साल बतायी थी. इस कारण कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया था. सागर ने जेल के बाथरूम में दो अगस्त को गमछा का फंदा बना कर आत्महत्या कर ली थी.
क्या था मामला : सागर कांके थाना क्षेत्र के सुकरहुटू गांव निवासी राजबुधी पाहन का पुत्र था. 14 जुलाई को उसी गांव की एक नाबालिग युवती के साथ वह नामकुम के लाली गांव चला गया था. 17 जुलाई को युवती के परिजनों ने कांके थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया था.
इसके बाद पुलिस ने युवती की तलाश की थी. इससे पहले पुलिस ने सागर के भाई शैलेश और पिता राजबुधी पाहन को हिरासत में लेकर हाजत में बंद कर दिया था. 27 जुलाई को सागर के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उसके पिता व भाई को छोड़ दिया था. बताया जाता है कि कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिये बयान में युवती ने कहा था कि उसका अपहरण नहीं किया गया था. वह अपनी मरजी से गयी थी. सागर पाहन के चचेरे भाई पच्चू पाहन ने दो जुलाई को आरोप लगाया था कि अगर उसके भाई को जेल के बदले रिमांड होम भेजा जाता, तो शायद वह नहीं मरता.
‘‘नाबालिग को रिमांड होम के बदले जेल भेजने को लेकर कानून में कोई सजा का प्रावधान नहीं है. अगर पीड़ित व्यक्ति की ओर से उचित प्रमाण के साथ पुलिस के सीनियर अफसरों से शिकायत की जाती है, तो संबंधित पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलायी जा सकती है. आरोप सही पाये जाने पर संबंधित पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होती है.
ए अल्लाम, वरीय अधिवक्ता, झारखंड हाइकोर्ट
अधिक उम्र बता कर कांके पुलिस
ने रिमांड होम की जगह भेजा था जेल
– 27 जुलाई को युवती के अपहरण के मामले में भेजा गया था जेल
– जेल भेजे जाते समय 17 साल छह माह 20 दिन का था सागर
– दो अगस्त को जेल में ही कर ली थी आत्महत्या

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