टेक्निकल यूनिवर्सिटी की फाइल गृह मंत्रालय में

अब राष्ट्रपति के अनुमोदन का इंतजार रांची : उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग (पहले विज्ञान व प्रावैधिकी) से संबद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी की फाइल मानव संसाधन मंत्रालय की सहमति के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गयी है. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति अपना अनुमोदन देंगे. विभागीय सूत्रों के अनुसार अधिकतम दो माह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2015 1:45 AM
अब राष्ट्रपति के अनुमोदन का इंतजार
रांची : उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग (पहले विज्ञान व प्रावैधिकी) से संबद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी की फाइल मानव संसाधन मंत्रालय की सहमति के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गयी है. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति अपना अनुमोदन देंगे. विभागीय सूत्रों के अनुसार अधिकतम दो माह में यह काम हो सकता है. इसके बाद टेक्निकल यूनिवर्सिटी की स्थापना का रास्ता साफ हो जायेगा.
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में ही टेक्निकल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव तैयार हुआ था. झारखंड यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत तैयार इस प्रस्ताव पर विधि विभाग के एक सहायक ने लिख दिया कि इस पर राष्ट्रपति का अनुमोदन लेना होगा.
इससे यह मामला रांची व दिल्ली के बीच उलझ गया. इससे पहले राजभवन के माध्यम से यह फाइल केंद्र को भेजी गयी थी. टेक्निकल यूनिवर्सिटी के गठन से राज्य के तकनीकी कॉलेजों के पाठय़क्रम व परीक्षा संचालन में एकरूपता आयेगी.
सत्र भी सामान्य तरीके से चलेगा. मध्य प्रदेश की तरह झारखंड के एक्ट में भी यह प्रावधान है कि राज्य के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज भी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के तहत ही संचालित होंगे. डिग्री के साथ-साथ यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा भी मिलेगा. गौरतलब है कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी का निर्माण झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद कैंपस में ही प्रस्तावित है.
यह कैंपस कुल 13 एकड़ का है.
फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गयी थी. गृह मंत्रालय ने अनुमोदन के लिए इसे मानव संसाधन मंत्रालय भेजा था. अब मानव संसाधन से मंजूरी के बाद फाइल गृह मंत्रालय में आयी है. यहां सहमति के बाद टेक्निकल यूनिवर्सिटी को राष्ट्रपति अनुमोदित करेंगे. अजय कुमार सिंह, सचिव उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग
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संस्थान को सरकारी बताने पर आपत्ति
टेक्नो इंडिया के बारे में शिकायत
निजी संस्थानों ने की आपत्ति
रांची : निजी तकनीकी संस्थानों ने टेक्नो इंडिया के संस्थानों को सरकारी बताने पर आपत्ति जतायी है. इसकी शिकायत विज्ञान व प्रावैधिकी (अब उच्च व तकनीकी शिक्षा) विभाग के सचिव से की गयी है.
टेक्नो इंडिया राज्य के चार (सिल्ली पॉलिटेक्निक तथा रामगढ़, चाईबासा व दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज) तकनीकी संस्थानों के संचालन में सरकार की पार्टनर है. उक्त संस्थानों का संचालन पीपीपी मोड में हो रहा है. इन संस्थानों का निर्माण सरकार ने कराया है. निजी पार्टनर की हैसियत से इनका संचालन टेक्नो इंडिया कर रहा है.
विज्ञापन में टेक्नो इंडिया अपने संस्थानों को सरकारी बताता है. दरअसल वह इसका लाभ मैनेजमेंट कोटे की सीट के लिए उठाना चाहता है. गौरतलब है कि इन संस्थानों में कुल सीटों की 25 फीसदी सीट मैनेजमेंट कोटे की है.
शेष पर नामांकन झारखंड कंबाइंड की काउंसलिंग के जरिये होता है. मैनेजमेंट कोटे की सीट पर संस्थान खुद से निर्धारित फीस लेने के लिए स्वतंत्र है. वहीं इन सीटों पर नामांकन के एवज में डोनेशन भी मांगे जाते हैं. संस्थान को सरकारी बताने पर मैनेजमेंट कोटे की सीट की डिमांड बढ़ जाती है.

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