रांची में खुलेगी किस्स की शाखा, जमीन चिह्नित

रांची : कलिंगा इंस्टीट्यूट अॉफ सोशल साइंसेस, भुवनेश्वर (किस्स) की नयी शाखा रांची में खुलेगी. इसके लिए केंद्रीय विवि के नये परिसर के नजदीक कांके अंचल के टेंडर ग्राम में लगभग 20 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गयी है. इसमें अादिवासी बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जायेगी. आरंभ में 1200 बच्चों के साथ इसकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2015 4:00 AM
रांची : कलिंगा इंस्टीट्यूट अॉफ सोशल साइंसेस, भुवनेश्वर (किस्स) की नयी शाखा रांची में खुलेगी. इसके लिए केंद्रीय विवि के नये परिसर के नजदीक कांके अंचल के टेंडर ग्राम में लगभग 20 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गयी है. इसमें अादिवासी बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जायेगी. आरंभ में 1200 बच्चों के साथ इसकी शुरुआत होगी.
इसके अलावा 10 आदिवासी स्कूलों का संचालन भी करेंगे. गुुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री रघुवर दास तथा किट व किस्स के संस्थापक प्रो अच्युत सामंता के बीच आपसी सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वंचित तबकों को शिक्षित कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनाना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य को इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईटी एवं बायोटेक के उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों की जरूरत है जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बेहतर मानव संसाधन तैयार हों. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पिछले दिनों अपने भुवनेश्वर दौरे के दौरान किस्स व किट परिसर को भी देखा था.
तब उन्होंने श्री सामंता को झारखंड में भी इसकी एक शाखा खोलने का आग्रह किया था. इसके बाद श्री सामंता ने सीएम से इस मुद्दे पर बात की. बातचीत के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, कल्याण सचिव राजीव अरुण एक्का,मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल भी उपस्थित थे.
केजी से पीजी तक की शिक्षा दी जाती है
भुवनेश्वर में अवस्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट अॉफ सोशल साइंसेस (किस) वर्तमान में 25 हजार 156 अादिवासी बच्चों को केजी से पीजी तक नि:शुल्क शिक्षा दे रही है. इसमें एक हजार बच्चे झारखंड के हैं. इनके रहने-खाने की व्यवस्था भी की गयी है. प्रो सामंता ने पत्रकारों को बताया कि उनके पिता जमशेदपुर में टाटा स्टील के वर्कर थे. उनका जन्म भी जमशेदपुर में ही हुआ. लगभग साढ़े चार वर्ष की उम्र ही उनके पिता की ट्रेन दुर्घटना में मौत हो गयी थी. इसके बाद से ही वे लगातार संघर्ष करते रहे अौर आज भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट अॉफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (किट) व कलिंगा इंस्टीट्यूट अॉफ सोशल साइंसेस (किस) की स्थापना की. अब कलिंगा टीवी भी चल रहा है. किट व किस में झारखंड में लगभग 4200 बच्चे पढ़ रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version