व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन शुल्क में राहत

राज्य के अंदर खरीद बिक्री करनेवाले का रजिस्ट्रेशन फीस समाप्त रांची : वाणिज्यकर विभाग ने छोटे व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से रजिस्ट्रेशन शुल्क घटा दिया है. साथ ही राज्य के अंदर ही खरीद बिक्री करनेवाले व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन फीस पूरी तरह समाप्त कर दिया है. वाणिज्यकर विभाग के सचिव निधि खरे ने इससे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2015 2:01 AM
राज्य के अंदर खरीद बिक्री करनेवाले का रजिस्ट्रेशन फीस समाप्त
रांची : वाणिज्यकर विभाग ने छोटे व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से रजिस्ट्रेशन शुल्क घटा दिया है. साथ ही राज्य के अंदर ही खरीद बिक्री करनेवाले व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन फीस पूरी तरह समाप्त कर दिया है. वाणिज्यकर विभाग के सचिव निधि खरे ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है.
विभागीय सचिव के अनुसार, रजिस्ट्रेशन शुल्क कम करने के लिए वैट नियमावली 2006 में आवश्यक संशोधन कर दिया गया है. इसका उद्देश्य व्यापारियों को निबंधन में सहूलियत देने के अलावा उन व्यापारियों को टैक्स के दायरे में शामिल करना है, जो टैक्स देना चाहते थे, लेकिन शुल्क अधिक होने की वजह से रजिस्ट्रेशिन नहीं कराते थे.
वैट नियमावली में किये गये संशोधन से अब वैसे व्यपारियों को रजिस्ट्रेशन के समय किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा, जो राज्य के अंदर ही सामानों की खरीद बिक्री करते हैं. पहले ऐसे व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन के समय एक लाख रुपये बतौर फीस देनी पड़ती थी. वैट नियमावली में किये गये संशोधन के तहत वैट का रजिस्ट्रेशन लेने के लिए अब दूसरे राज्य से सामान मंगा कर राज्य के अंदर बेचने वाले व्यापारियों को जमानत के तौर 50 हजार रुपये की जमानती राशि देनी होगी. आवेदन पत्र के साथ दो निबंधित व्यापारियों का अनुशंसा पत्र देना होगा. अगर किसी व्यापारी को इसमें भी परेशानी हो तो वह सरकारी खजाने में 10 हजार रुपये जमा करा कर या इतनी ही रकम का एनएससी या कोई अन्य बांड दे कर रजिस्ट्रेशन कर सकता है.
सेंट्रल सेल टैक्स (सीएसटी) के रजिस्ट्रेशन के लिए भी व्यापारियों को एक लाख रुपये की जमानती राशि या सरकारी खजाने में 10 हजार रुपये जमा करा कर या इतनी ही राशि का एनएससी के साथ आवेदन देना होगा. नये निबंधित अंतरराज्यीय व्यारपारियों को दी जानेवाली जमानता राशि के बराबर टैक्स की रकम हो जाने पर उनका सुगम फार्म डाउनलोड नहीं होगा. उनके द्वारा टैक्स की रकम चुकाये जाने पर वे सुगम फार्म डाउनलोड कर सकेंगे.

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