सीएम रघुवर दास ने कहा कि आजादी के छह दशक के बाद भी झारखंड विकास के लिए तरस रहा है. मैं यह नहीं कहता कि यहां काम नहीं हुआ लेकिन जितना यहां का विकास होना चाहिए था नहीं हो सका. विकास की गति धमी होने के कारण लोगों में असंतोष फैला.उन्होंने कहा कि हर सवाल का जवाब बातचीत के साथ निकालना चाहिए. आज झारखंड अमिर राज्य होते हुए भी यहां के ज्यादातर लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रहे हैं. झारखंड से आज भी लोग पलायन के लिए मजबूर हैं. हमें यह सोचना चाहिए कि आखिर लोग घर छोड़कर जंगल की ओर क्यों जा रहे हैं और हथियार क्यों उठा रहे हैं?
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महीने के अंदर ही राइट टू सर्विस एक्ट का पूरा किया जायेगा और इसे पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया जाएगा. जो लोग प्रज्ञा केंद्र जाने में समर्थ नहीं हैं उनके लिए समहरणालय में व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में किसानों को कभी झुकना नहीं पड़ा है. फसल बीमा मिट्टी जांच जैसी सुविधा किसानों को हमारी सरकार की ओर से प्रदान की जा रही है. पशुपालन और सिंचाई के लिए भी सरकार ने कई काम किये हैं.
रघुवर दास ने कहा कि आधारभूत संरचना के बिना राज्य का विकास संभव नहीं है. पिछले सात महीने में सरकार ने 700 किमी सड़क और 20 छोटे पुल और पुलियों का निर्माण किया गया. राज्य की आधारभूत संरचना सुधारने के लिए हमें केंद्र सरकार से सहायता मिल रही है. दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत गांवो में बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है. हम जल्द ही राज्य के गांवो में रौशनी फैलायेंगे. विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास जारी है.