विधानसभा: 14 वर्षों में बनी हैं दर्जनों कमेटियां, सरकार ने मांगी सभी कमेटियों से रिपोर्ट

रांची: सरकार ने पिछले 14 वर्षों में विधानसभा द्वारा अलग-अलग मामलों में बनायी गयी कमेटियों की रिपोर्ट मांगी है. संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कमेटियों की रिपोर्ट-अनुशंसा विधानसभा को उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. पिछले कई वर्षों से लंबित कमेटियों की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने का मन बना रही है. उल्लेखनीय है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2015 2:53 AM
रांची: सरकार ने पिछले 14 वर्षों में विधानसभा द्वारा अलग-अलग मामलों में बनायी गयी कमेटियों की रिपोर्ट मांगी है. संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कमेटियों की रिपोर्ट-अनुशंसा विधानसभा को उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. पिछले कई वर्षों से लंबित कमेटियों की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने का मन बना रही है.

उल्लेखनीय है कि पिछले 14 वर्षों में दर्जनों की संख्या में अलग-अलग मामले में विशेष कमेटी बनी है. भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता से लेकर जन सरोकार के मुद्दे पर कमेटियां बनती रही हैं, लेकिन सरकार के स्तर पर उन कमेटियों की अनुशंसा पर कार्रवाई नहीं होती है. कई संस्थाओें को बेहतर बनाने के लिए कमेटी बनी, लेकिन उस पर पहल नहीं हुई. पिछले 14 वर्षों में 50 से ज्यादा विशेष कमेटी बनी है. इसके अतिरिक्त दर्जनों की संख्या में हर सत्र में सामान्य या जांच समिति बनती रही है.
वर्ष 2007-08 में सर्वाधिक 34 कमेिटयां बनी थीं
विधानसभा के हर सत्र में अलग-अलग मामले की जांच के लिए कमेटी बनती रही है. विधानसभा के अंदर वाद-विवाद में भी विधायकों का सबसे ज्यादा जोर कमेटी गठन को लेकर होता है. वर्ष 2007-08 में सबसे ज्यादा 34 कमेटियां बनी थीं. 2011-12 में 24 कमेटियां बनी हैं.
सदस्यों के आचरण पर भी बनी कमेटी
सदन में कार्यवाही व्यवस्था पूर्ण चलाने के लिए विधानसभा ने कमेटी बनायी. विधायकों का आचरण सदन के अंदर सही रहे, इसके लिए खासतौर पर ये कमेटियां बनायी गयीं. वर्ष 2001 में सदन की व्यवस्था, मर्यादा और सुचारू कार्य संचालन के लिए पहली बार कमेटी बनी. इसके बाद वर्ष 2007 में कुछ सदस्यों के अनुचित आचरण की जांच के लिए कमेटी बनायी गयी.
नियुक्ति घोटाले से लेकर आदिवासी जमीन की लूट तक का मामला
विधानसभा में भ्रष्टाचार, शासन में वित्तीय अनियमितता, आदिवासियों के साथ शोषण, आदिवासी जमीन में लूट, सीएनटी-एसपीटी एक्ट जैसे मामले हर सत्र में उठते रहे हैं. सदन ने विधानसभा में नियुक्ती घाेटाला से लेकर आदिवासी जमीन की लूट पर कमेटी बनायी. दर्जनों भ्रष्टाचार के मामले में कमेटी बनी. लेकिन विधानसभा से कोई रास्ता नहीं निकला. विधानसभा नियुक्ति में हुए घोटाले का निष्कर्ष विधानसभा से नहीं निकला. मेगा स्पोर्टस कॉम्पलेक्स, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाला, उत्पाद लाइसेंस में घोटाला, हाट गम्हरिया सड़क में प्राक्कलन घोटाला को लेकर कमेटी बनी. ाचार के इन मामलों से भी परदा नहीं उठा सका.
पिछले 14 वर्षों में विधानसभा द्वारा बनी कमेटियों की अनुशंसा की जानकारी मांगी गयी है. उसमें कई मामले आज भी प्रासंगिक हैं. सरकार कमेटियों के सुझाव पर काम करना चाहती है. हमने कमेटियों की रिपोर्ट विधानसभा से मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जायेगा.
सरयू राय, संसदीय कार्य मंत्री

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