100 करोड़ से ज्यादा का टेंडर लटका
प्रमुख संवाददाता, रांची टेंडर का निष्पादन कैसे हो, यह तय नहीं हो पाने के कारण करीब 100 करोड़ रुपये की ग्रामीण सड़कों की योजनाअों का टेंडर लटक गया है. इसे लेकर टेंडर कमेटी की बैठक नहीं हो पा रही है. पहले के सारे टेंडर लटके हुए हैं, जबकि हर दिन नयी योजनाअों के टेंडर भी […]
प्रमुख संवाददाता, रांची
टेंडर का निष्पादन कैसे हो, यह तय नहीं हो पाने के कारण करीब 100 करोड़ रुपये की ग्रामीण सड़कों की योजनाअों का टेंडर लटक गया है. इसे लेकर टेंडर कमेटी की बैठक नहीं हो पा रही है. पहले के सारे टेंडर लटके हुए हैं, जबकि हर दिन नयी योजनाअों के टेंडर भी निकाले जा रहे हैं. इससे नयी योजनाअों का क्रियान्वयन भी नहीं हो पा रहा है.
क्या है मामला
पहले समान दर होने पर टेंडर का निष्पादन लॉटरी के माध्यम से हो रहा था. ऐसे में यह स्पष्ट था कि लॉटरी कर योजनाअों का टेंडर निष्पादित कर दिया जाये, लेकिन अब लॉटरी की परंपरा समाप्त कर दी गयी, पर यह तय नहीं हुआ कि किस तरह से टेंडर निष्पादन के क्रम में ठेकेदार को मार्क्स दिया जाये. यानी इवेल्युशन किस आधार पर हो, यह तय नहीं हो पा रहा है. ऐसी स्थिति में टेंडर का निष्पादन लटका हुआ है.
काम में पिछड़ रहा है विभाग
चालू वित्तीय वर्ष का पांच माह बीत गया है. अब विभाग के पास काम करने के लिए सात माह ही शेष बचे हैं, जबकि अधिकतर योजनाअों का टेंडर फंसा हुआ है. टेंडर निष्पादन की प्रक्रिया तय करने व टेंडर निष्पादन में अभी और दो-तीन माह लगने की संभावना है. ऐसे में विभाग के पास काफी कम समय काम के लिए बचेगा. ऐसी स्थिति में काम को लेकर विभाग काफी पिछड़ जायेगा.