राची : स्पीकर दिनेश उरांव ने समापन भाषण में कहा कि सत्र की शुरुआत खुशनुमा माहौल में शुरू हुई थी, लेकिन किसी कारणवश अधिकांश समय हंगामा और व्यावधान में बीत गया. एक कार्यदिवस को छोड़ कर शेष कार्य दिवस में प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी. सभी जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं.
जनता इस विश्वास से चुन कर भेजती है, समस्याओं को सरकार के संज्ञान में लाकर उनका समुचित समाधान करायेंगे. पक्ष-विपक्ष के बीच खींची गयी रेखा को लांघना पड़ता है. हमने सार्थक पहल के साथ पर हठधर्मिता को सदन में स्थापित होते हुए देखा. मर्यादा में रह कर जनता की आवाज मुखर करना होगा. स्पीकर ने कहा : मुझे अफसोस है कि इस कसौटी पर वर्तमान सत्र खरा नहीं उतरा, लेकिन मैं ना उम्मीद नहीं हूं. आगे हम सवा तीन करोड़ जनता की उम्मीद पर खरा उतरेंगे. स्पीकर ने कहा कि राज्य के पदाधिकारियों के साथ-साथ माननीय सदस्यों को भी सजग रहना चाहिए. विधायिका की गरिमा कायम रखने और जनता में संसदीय प्रणाली के प्रति सकारात्मक भाव और सम्मान बनाये रखना सबकी सामूहिक जवाबदेही है
सदन में क्या हुआ
À 14 विधेय सदन में पारित किये गये.
À 571 प्रश्न आये
À 520 स्वीकार हुए.
À 167- अल्पसूचित
À 242-तारांकित प्रश्न
À 111- अतारांकित प्रश्न
À 128 – शून्य काल की सूचनाएं
À 410 प्रश्न ऑनलाइन भेजे गये, जिसमें 122 प्रश्न के जवाब आये.