न्याय के मंत्री होते हैं वकील : चीफ जस्टिस
रांची : कन्नड़ साहित्य के प्रख्यात लेखक, विद्वान, विचारक और अंधविश्वास विरोधी आंदोलन के प्रणेता प्रो एमएम कलबुर्गी की नृशंस हत्या के खिलाफ राजधानी के विभिन्न सांस्कृतिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने मेन रोड में आक्रोश मार्च निकाला. यह मार्च सफदर हाशमी सभागार से अलबर्ट एक्का चौक होते हुए शहीद चौक तक गया, […]
रांची : कन्नड़ साहित्य के प्रख्यात लेखक, विद्वान, विचारक और अंधविश्वास विरोधी आंदोलन के प्रणेता प्रो एमएम कलबुर्गी की नृशंस हत्या के खिलाफ राजधानी के विभिन्न सांस्कृतिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने मेन रोड में आक्रोश मार्च निकाला. यह मार्च सफदर हाशमी सभागार से अलबर्ट एक्का चौक होते हुए शहीद चौक तक गया, जिसके बाद शहीद स्थल में सभा का आयोजन किया गया.
इसमें वक्ताओं ने कहा कि यह हत्या नरेंद्र दाभोलकर और कॉमरेड गोविंद पानसारे की हत्या की अगली कड़ी है, जिसे कट्टरपंथी ताकतों ने अंजाम दिया है. उनकी हत्या के बाद एक हिंदुत्ववादी संगठन के नेता भुविथ शेट्टी ने ट्वीट किया कि उस समय यूआर अनंतमूर्ति था और अब एमएक कालबुर्गी. एसके भगवान, तुम्हारा नंबर अगला है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हत्यारों को बिना किसी बहाने और विलंब के तुरंत गिरफ्तार किया जाये. सरकार संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में और हत्या और धमकी की राजनीति के खिलाफ दृढ़ रवैया प्रदर्शित करे.
विरोध प्रदर्शन में एमजेड खान, महादेव टोप्पो, दयामनी बरला, रेणु प्रकाश, ओम प्रकाश वर्णवाल, अनिल अंशुमन, रेणु प्रकाश, श्रीनिवास, पावेल कुमार, जसिंता केरकेट्टा, सोनी तिरिया, आलिया, आलोका, अफजल अनीस, अनिल ठाकुर, ललन मिश्रा सहित कई लोग शामिल हुए.
प्रदर्शन में जनवादी लेखक संघ, प्रगितशील लेखक संघ, झारखंड जनसंस्कृति मंच, इप्टा, मानवीय एकता, सफदर, ऑल इंडिया ट्राइबल लिट्रेरी फोरम, कुड़ुख लिट्रेरी सोसाइटी, एडवा, डीवाइएफआइ, यूनाइटेड मिल्ली फोरम, ऑल इंडिया पीपुल्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन व अन्य संगठनों के सदस्य शामिल थे.