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1932 के खतियानी हैं, पर नहीं बन सकते झारखंड में सिपाही

रांची: गढ़वा के धुरकी थाना क्षेत्र के कटहर कलां अंतर्गत पुतुर गांव निवासी गुलशन कुमार रजक झारखंड का स्थायी निवासी है. 27 वर्षीय गुलशन कुमार रजक के पास 1932 का खतियान भी है. लेकिन वह झारखंड पुलिस में सिपाही नहीं बन सकता. क्योंकि उसने झारखंड में पढ़ाई नहीं की है. उसने झारखंड के किसी स्कूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2015 2:20 AM
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रांची: गढ़वा के धुरकी थाना क्षेत्र के कटहर कलां अंतर्गत पुतुर गांव निवासी गुलशन कुमार रजक झारखंड का स्थायी निवासी है. 27 वर्षीय गुलशन कुमार रजक के पास 1932 का खतियान भी है. लेकिन वह झारखंड पुलिस में सिपाही नहीं बन सकता. क्योंकि उसने झारखंड में पढ़ाई नहीं की है. उसने झारखंड के किसी स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास नहीं की है. गुलशन कुमार होमगार्ड का जवान भी है. लेकिन वह झारखंड पुलिस में सिपाही पद के लिए आवेदन करने के योग्य नहीं है.

उल्लेखनीय है कि राज्य पुलिस में सिपाही पद के लिए जो नियम तय किये गये हैं, उसमें से एक नियम के कारण झारखंड के स्थानीय युवक भी आवेदन करने से वंचित रह जायेंगे. नियम के मुताबिक, आवेदन जमा करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से 10वीं पास होना जरूरी है. लेकिन ऐसे कई युवक हैं, जो झारखंडी तो हैं, पर िजन्होंने झारखंड में पढ़ाई नहीं की है.
पिता थे रेलवे में, मुंगेर में की पढ़ाई
गुलशन कुमार ने बताया कि उसके पिता भारतीय रेलवे में कार्यरत थे. वह लंबे समय तक मुंगेर के जमालपुर में ट्रैकमैन के पद पर पदस्थापित रहे. वहां से वह वर्ष 2009 में सेवानिवृत्त हुए. इस दौरान वह भी अपने पिता के साथ ही रहा. जमालपुर में ही रह कर पढ़ाई-लिखाई पूरी की. उसकी जन्म तिथि 13 अक्तूबर 1988 है. उसने वर्ष 2003 में मुंगेर के मकसुसपुर स्कूल से द्वितीय श्रेणी से 10वीं की परीक्षा पास की है. उसने होमगार्ड की भी ट्रेनिंग ली है. उसका रजिस्ट्रेशन नंबर-1051 है. हजारीबाग स्थित होमगार्ड के ट्रेनिंग सेंटर में उसने 15 फरवरी से 28 मार्च तक गृह रक्षक की ट्रेनिंग ली है.

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