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सिवरेज-ड्रेनेज की योजना के बाद भी रांची में बनायी जा रही नालियां, नाली में डूब सकते हैं 125 करोड़
रांची : राज्य के अफसरों के कारण रांची में नालियां के निर्माण पर खर्च हो रहे 125 करोड़ रुपये बरबाद होने के कगार पर हैं. शहर में 1700 करोड़ रुपये की सिवरेज-ड्रेनेज योजना लागू करने के फैसले के बाद भी इन नालियों का निर्माण कराया जा रहा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि शहर में सिवरेज-ड्रेनेज […]
रांची : राज्य के अफसरों के कारण रांची में नालियां के निर्माण पर खर्च हो रहे 125 करोड़ रुपये बरबाद होने के कगार पर हैं. शहर में 1700 करोड़ रुपये की सिवरेज-ड्रेनेज योजना लागू करने के फैसले के बाद भी इन नालियों का निर्माण कराया जा रहा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि शहर में सिवरेज-ड्रेनेज बनाने के लिए इन नालियों को तोड़ना पड़ सकता है. इससे इस पर खर्च हो रहे करीब 125 करोड़ रुपये पानी में डूब सकते हैं.
विभागों में समन्वय ही नहीं : नाम नहीं छापने की शर्त पर महत्वपूर्ण पद पर बैठे मुख्य अभियंता स्तर के एक अधिकारी ने बताया : सरकार के विभागों से समन्वय स्थापित किये बिना ही नाली निर्माण की योजना तैयार कर ली गयी. योजना तैयार करने से पहले पथ निर्माण विभाग ने नगर विकास या पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंताओं से समन्वय बनाने का प्रयास तक नहीं किया. अगले 15 दिनों के अंदर सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम का काम धरातल पर शुरू कर दिया जायेगा. करोड़ों रुपये खर्च कर बनायी जा रही नालियाें को तोड़ कर ही सिवरेज-ड्रेनेज का काम संभव होगा. िसवरेज-ड्रेनेज योजना पहले से ही तैयार थी. सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम का काम शुरू होने के बाद शहर की सड़कों के िकनारे नालियों का निर्माण होना ही है. वर्तमान परिस्थितियों में पथ निर्माण विभाग को नाली निर्माण की योजना बनाने और उसे लागू करने की कोई जरूरत नहीं थी.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने की है आपत्ति : रांची में 10 प्रमुख सड़कों के किनारे इन नालियों का निर्माण हो रहा है. इस कार्य पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने आपत्ति जतायी है. विभाग का कहना है कि अभी तत्काल में ही सिवरेज सिस्टम की योजना लागू होनी है. पेयजल के लिए पाइप बिछाने का काम भी किया जाना है. ऐसे में पथ निर्माण विभाग नालियां बनवा रहा है. यह सिवरेज सिस्टम और पाइप लाइन बिछाने की योजना को प्रभावित करेगा. विभाग ने बरियातू रोड के किनारे बन रही नालियों को तत्काल रोकने का आग्रह पथ विभाग से किया. पर पथ निर्माण विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया. सूचना है कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद बरियातू रोड में काम रोकने के निर्देश दिये गये हैं.
रांची में इन सड़कों के िकनारे बनायी जा रही हैं नालियां
पिस्का मोड़ से रातू रोड, राजभवन से कचहरी चौक, रातू रोड से एलपीएन शाहदेव चौक, बड़ा तालाब रोड, हरमू रोड, हरमू बाजार, बरियातू रोड, अलबर्ट एक्का चौक से लालपुर, मिशन रोड, राजेंद्र चौक से बिरसा चौक, हाइकोर्ट से नामकुम जानेवाली सड़क के किनारे.
यह जनता के पैसे की बरबादी है !
रांची की जिन प्रमुख सड़कों पर नाली का निर्माण हो रहा है, वहां भी सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम का काम होना है. नाली निर्माण पर करीब 125 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो जनता के पैसे हैं. आम जनता के टैक्स के पैसे हैं. नाली निर्माण में पहली बार छड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे निर्माण की लागत भी पहले की तुलना में चार गुना बढ़ गयी है. सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम की योजना और उसके प्रति राज्य सरकार की गंभीरता से सभी अफसर अवगत हैं. सिवरेज-ड्रेनेज के लिए नालियों को तोड़ना पड़ेगा. इस तरह जनता के पैसे पानी में चले जायेंगे. इसे अधिकारियों की लापरवाही और अदूरदर्शिता का नमूना माना जा रहा है.
‘‘यह तकनीकी मामला है. इस पर अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं. वैसे मैंने समन्वय बनाने के लिए मुख्यमंत्री को कहा था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी विभागों की बैठक बुला कर आवश्यक निर्देश भी दिये थे.
सीपी सिंह, नगर विकास सह परिवहन मंत्री
‘‘सिवरेज-ड्रेनेज योजना में पथ निर्माण विभाग द्वारा बनायी गयी नालियों को भी शामिल किया जायेगा. ड्रेनेज को नालियों में ही मिला दिया जायेगा. प्रशांत कुमार
नगर आयुक्त, रांची नगर निगम
‘‘पथ निर्माण विभाग को कई सड़कों में नाली निर्माण की योजनाओं को स्थगित करना चाहिए. जहां भी नाली निर्माण की योजना है, इसके लिए एक बार नगर निगम समेत अन्य विभागों से समन्वय बना कर ही कार्य किया जाना चाहिए. संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर
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