वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो सुनवाई

मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा, बाल संप्रेषण गृह के बच्चों की रांची : महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा है कि बाल संप्रेषण गृह में रहनेवाले बच्चों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जाये. उन्होंने दुमका और रांची में इस विधि से बच्चों का ट्रायल करने और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2015 7:08 AM
मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा, बाल संप्रेषण गृह के बच्चों की
रांची : महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा है कि बाल संप्रेषण गृह में रहनेवाले बच्चों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जाये. उन्होंने दुमका और रांची में इस विधि से बच्चों का ट्रायल करने और सुनवाई के लिए पेशी करने की बात कही. डॉ मरांडी शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि रांची के बाल संप्रेषण गृह में गढ़वा, खूंटी और लातेहार के बच्चे हैं, जबकि दुमका में भी दूसरे जिलों के बच्चों को रखा जा रहा है. ऐसे में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड) में सुनवाई ठीक तरीके से नहीं हो पाती है. विभागीय मंत्री ने कहा कि संप्रेषण गृह में रहनेवाले बच्चों को वृद्ध आश्रम में समायोजित किया जा सकता है. डॉ मरांडी ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी समेकित बाल विकास परियोजनाओं को और सुदृढ़ करने का आदेश भी दिया.
बैठक में महिला और बाल विकास सचिव विनय चौबे, समाज कल्याण निदेशक आरपी सिंह, सभी जिलों के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और ॅअन्य मौजूद थे.
विकलांग छात्रवृत्ति का भुगतान समय पर हो : समीक्षा के क्रम में विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी जिलों में निशक्तों को छात्रवृत्ति समय पर दी जाये. उन्होंने कहा कि पलामू, पाकुड़, साहेबगंज और चाईबासा में छात्रवृित्त का भुगतान समय पर नहीं हो पाता है.

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