रामगढ़ के होटल में वर्ष 2009 में हुए गैंग रेप का मामला : सीआइडी जांच में नहीं मिले दुष्कर्म के साक्ष्य

रांची: रामगढ़ के एक होटल में वर्ष 2009 में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में छह साल तक जेल में बंद रहे आराेपियों के खिलाफ सीआइडी को भी अब तक साक्ष्य नहीं मिले हैं. प्रभात खबर में छपी खबर के आधार पर डीजीपी ने मामले में सीआइडी जांच का आदेश दिया था. सीआइडी ने जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2015 6:04 AM
रांची: रामगढ़ के एक होटल में वर्ष 2009 में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में छह साल तक जेल में बंद रहे आराेपियों के खिलाफ सीआइडी को भी अब तक साक्ष्य नहीं मिले हैं. प्रभात खबर में छपी खबर के आधार पर डीजीपी ने मामले में सीआइडी जांच का आदेश दिया था. सीआइडी ने जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है.

ज्ञात हो कि रामगढ़ पुलिस ने होटल के मालिक समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. वहीं घटना के 51 दिन के भीतर होटल के मालिक गोविंद राय, महेश यादव, गोरंग राय, राजेश गुप्ता, सन्नी कुमार व अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. इसके द हुई सीआइडी जांच में पुलिस की अनुसंधान पर कई सवाल उठे. पुलिस ने जांच में हर स्तर पर गड़बड़ी व चूक की थी. पिछले दिनों रामगढ़ के एसपी ने कोर्ट में यह बात लिख कर दी थी कि जेल में बंद लोगों के खिलाफ साक्ष्य कमजोर हैं, इस कारण गिरफ्तार लोगों को पिछले हफ्ते जमानत मिल गयी है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में पीड़ित युवती और उसके कथित पिता सुरेंद्र प्रसाद (इंजीनियर व पटना निवासी) के संबंध में छानबीन की गयी है. पुलिस को पता चला है कि सुरेंद्र प्रसाद की दो बेटी है, लेकिन उसका नाम पीड़िता से नहीं मिलता है.
पुलिस की लापरवाही
11 नवंबर को होटल में गैंग रेप की प्राथमिकी दर्ज की गयी. दूसरे दिन पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया.
31 दिसंबर को रामगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की.
पुलिस ने पीड़िता और उसके कथित पिता के संबंध में जांच नहीं की.
घटना के बाद पुलिस ने पीड़िता का अंत:वस्त्र के बदले बेडशीट जब्त किया.
बेडशीट पर मिले धब्बे का मिलान आरोपियों के डीएनए से नहीं कराया गया.
पीड़िता व उसके पिता के द्वारा होटल में ठहरने की रसीद नहीं ली गयी.

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