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केंद्रीय मंत्रियों के हस्तक्षेप के बाद भी, नहीं बन पा रहा टाटा-रांची रोड

रांची:रांची-जमशेदपुर-महुलिया रोड का अभी बनना मुश्किल है. निर्माण की स्थिति को देख विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर काफी तेजी से काम होगा, तो भी कम से कम दो साल लगेंगे. काम चलता रहा और सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2017 के अंत तक यह सड़क बनेगी. इस सड़क के निर्माण पर दो-दो प्रभावी केंद्रीय मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2015 6:07 AM
रांची:रांची-जमशेदपुर-महुलिया रोड का अभी बनना मुश्किल है. निर्माण की स्थिति को देख विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर काफी तेजी से काम होगा, तो भी कम से कम दो साल लगेंगे. काम चलता रहा और सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2017 के अंत तक यह सड़क बनेगी. इस सड़क के निर्माण पर दो-दो प्रभावी केंद्रीय मंत्री लगे, फिर भी सड़क नहीं बनी. पहली बार यूपीए की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जयराम रमेश ने पहल की. टाटा रोड की स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने एनएचएआइ, एजेंसी व राज्य सरकार के आला अफसरों के साथ बैठक भी की थी.

इतना ही नहीं उस समय के केंद्रीय सड़क, भूत्तल एवं परिवहन मंत्री अॉस्कर फर्नांडिस से भी बात की. उन्होंने भी सड़क निर्माण का निर्देश दिया था. अब इसमें एनडीए के केंद्रीय सड़क, भूत्तल एवं परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी ने भी प्रयास किया है. उन्होंने हस्तक्षेप कर खास तौर पर इस सड़क का हाल लिया. सार्वजनिक रूप से कहा कि इसका निर्माण हो रहा है और जल्द सड़क बनेगी, पर आज भी मामला लटका हुआ है. सड़क निर्माण के नाम पर केवल अभी मरम्मत करायी गयी है. इसके पहले मार्ग से आना-जाना मुश्किल हो रहा था. काफी दबाव के बाद एजेंसी ने मरम्मत करा कर इसे चलने लायक भर बनाया है.

लटका है सबकुछ कैसे होगा काम
रांची से जमशेदपुर होते हुए महुलिया तक के सारे पुल/पुलिया का काम लटका हुआ है
अभी एक साइड से ही काम हो रहा है, दूसरे साइड का पूरा काम लटका हुआ है
दोनों तरफ से चौड़ीकरण हो जाने के बाद पूरी लेयर सड़क पर चढ़ानी होगी
रांची में विकास से लेकर रामपुर तक का काम रुका पड़ा है
…तो जानें नहीं जाती
अगर सड़क रांची-हजारीबाग की तरह बन जाती, तो दर्जनों जानें नहीं जाती. इस सड़क पर 2014 से लेकर अब तक दर्जन भर से ज्यादा जानें गयी हैं. यहां हुई लगभग सभी दुर्घटनाएं सड़क की वजह से हुई हैं. इसमें से एक उदाहरण यहां रांची के इटकी रोड स्थित लोहा सिंह मार्ग का है. यहां रहने वाले सर्वेयर हरि शंकर सिंह व उनके चालक की मौत भी सड़क के संकीर्ण होने की वजह से हुई. दोनों स्कार्पियो में सवार थे और दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी. इसी तरह कई मौतें हुई हैं.

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