सरकारी जमीन का हाल देखने निकले रघुवर दास, कहा उजाड़ने से पहले बसाने का काम करें
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास रविवार को खाली पड़ी सरकारी जमीन को देखने डोरंडा, हिनू व रातू रोड पहुंचे. यहां उन्होंने सरकारी आवासों की स्थिति भी देखी, उसे मरम्मत करने का निर्देश दिया. वहीं, खाली पड़ी जमीन का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए कहा. इस क्रम में उन्हें अनाधिकृत रूप से आवासों में रह रहे लोगों […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास रविवार को खाली पड़ी सरकारी जमीन को देखने डोरंडा, हिनू व रातू रोड पहुंचे. यहां उन्होंने सरकारी आवासों की स्थिति भी देखी, उसे मरम्मत करने का निर्देश दिया. वहीं, खाली पड़ी जमीन का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए कहा. इस क्रम में उन्हें अनाधिकृत रूप से आवासों में रह रहे लोगों के बारे में भी जानकारी दी गयी. इस पर उन्होंने अफसरों से कहा कि वे किसी को भी हटाने के पहले बसाने का काम करें. यह देखें कि अनाधिकृत रूप से कोई भी कैसे रह रहा है. सभी पहलुअों को देखने के बाद ही कुछ करें. बिल्कुल गैर कानूनी रूप से जो रह रहे हैं, उनके बारे में भी सोचने को कहा गया है. वहीं, किसी सेवानिवृत्त कर्मी ने अगर आवास खाली नहीं किया है, तो उसके बारे में सारी जानकारियां हासिल करने का निर्देश दिया गया.
दिन के करीब 12 बजे मुख्यमंत्री डोरंडा पहुंचे. उनके साथ ही जल संसाधन व वन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, भू-राजस्व व भवन सचिव केके सोन सहित कई अफसर व इंजीनियर उपस्थित थे. डोरंडा में विशप स्कूल के सामने स्थित जैप के आवासों को उन्होंने देखा. इसके बाद इसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया. इसके बाद वे हिनू में इंदिरा पैलेस के पीछे गये. वहां के आवासों का हाल लिया. वहीं, वन भवन के लिए प्रस्तावित जमीन भी देखी. यहां से वे विधानसभा के आगे स्थित उस आवास में गये, जहां वे पहले रहते थे. इसके बाद वे हरमू रोड से रातू रोड साईं मंदिर के पीछे स्थित सरकारी आवासों को देखने पहुंचे. उन्होंने अफसरों से कहा कि सारी जमीन प्राइम लोकेशन में है. ऐसे में इसका खास ख्याल रखें कि यह बरबाद न हो. इसका इस्तेमाल बेहतर हो.
आदिवासी हॉस्टल भी गये : रातू रोड से लौटने के बाद मुख्यमंत्री सीएम हाउस के पीछे स्थित आदिवासी हॉस्टल गये. यहां के विद्यार्थियों ने अपनी समस्याअों से सीएम को अवगत कराया था. इसके मद्देनजर वे वहां गये. विद्यार्थियों ने उनसे लाइब्रेरी बनवाने, बाउंड्री करा देने, साइकिल स्टैंड बनाने, बाथरूम ठीक करा देने की मांग की. इस पर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का निर्देश दिया.
बिना कारकेड के निकले
मुख्यमंत्री बिना सुरक्षा के निकले थे. आज उनकी सुरक्षा में रोज की तरह कारकेड नहीं थी. एक ही कार में मुख्यमंत्री के अलावा सुखदेव सिंह व केके सोन बैठे थे. पीछे एक गाड़ी थी, जिसमें सीएम के राजनीतिक सलाहकार व आप्त सचिव बैठे थे. इसके पीछे दो गार्ड थे. इसके साथ ही इंजीनियरों व अफसरों की गाड़ी थी.
कुछ देर तक फंसे जाम में
मुख्यमंत्री कुछ देर तक हरमू रोड में जाम में फंसे रहे. यहां मारवाड़ी भवन में चेंबर चुनाव को लेकर वोटिंग चल रही थी, इसलिए सड़क जाम थी. इसमें मुख्यमंत्री की गाड़ी फंसी, पर कोई समझ भी नहीं पाया कि मुख्यमंत्री जाम में फंसे हैं. सामान्य व्यक्ति की तरह वे गाड़ी में सवार थे और उनकी गाड़ी भी आम गाड़ी की तरह सरकते हुए जाम से निकली.