धनबाद जमीन घोटाला: जमीन अधिग्रहित हुई नहीं ले लिया दो करोड़ मुआवजा

रांची : धनबाद में रिंग रोड निर्माण के एवज में मुआवजा बांटे जाने के मामले में भारी पैमाने में हेराफेरी हुई है़ उपायुक्त द्वारा बनायी गयी जांच कमेटी ने गड़बड़ी पकड़ी है़ रिंग रोड निर्माण में जिनकी जमीन गयी नहीं, उन्हें मुआवजा मिल गया़ रामकुमार गुप्ता, रंजीता कुमारी, तनुजा सिंह को मुआवजा का भुगतान किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2015 7:43 AM
रांची : धनबाद में रिंग रोड निर्माण के एवज में मुआवजा बांटे जाने के मामले में भारी पैमाने में हेराफेरी हुई है़ उपायुक्त द्वारा बनायी गयी जांच कमेटी ने गड़बड़ी पकड़ी है़ रिंग रोड निर्माण में जिनकी जमीन गयी नहीं, उन्हें मुआवजा मिल गया़ रामकुमार गुप्ता, रंजीता कुमारी, तनुजा सिंह को मुआवजा का भुगतान किया गया, जबकि इनकी जमीन अधिग्रहित हुई ही नहीं थी़ तनुजा सिंह को पांच डिसमिल, रामकुमार गुप्ता को तीन डिसमिल जमीन के लिए मुआवजा दिया गया़ वहीं रंजीता देवी ने करीब 55 लाख रुपये बतौर मुआवाजा लिया. रंजीता देवी के नाम मुआवजा का भुगतान दिखाया गया है, लेकिन कितनी जमीन गयी, यह नहीं बताया गया है़ वहीं रामकुमार गुप्ता को 55 लाख और तनुजा सिंह को 92 लाख का भुगतान किया गया है़

जांच कमेटी ने इनकी जमीन अधिग्रहण में नहीं दर्शाया है़ ये जमीन धनबाद मौजा के खाता संख्या 83 के प्लॉट संख्या 2655 में शामिल है़ इस खाता संख्या से 68 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जबकि जांच कमेटी ने मापी में 57 डिसमिल पायी है़ इस तरह से लगभग 11 डिसमिल ज्यादा जमीन दिखा कर मुआवजा हड़पा गया़ इस 11 डिसमिल जमीन पर 18 लाख 59 हजार प्रति डिसमिल की दर से मुआवाज बांटा गया़ इस तरह से इस जमीन पर दो करोड़ चार लाख 16 हजार मुआवाजा बिना जमीन के उठाया गया़ वहीं दूसरी ओर लिलिया देवी की चार डिसमिल, उर्मिला देवी की चार डिसमिल, नीतू सिंह की 0़ 61 डिसमिल, मंटू राम की 0़ 27 डिसमिल, किरण सिन्हा की दो डिसमिल जमीन रिंग रोड़ के निर्माण में गयी़ इन लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला़
रैयतों से बिचौलियों ने पहले खरीद ली थी जमीन
रिंग रोड़ के निर्माण में जमीन अधिग्रहण से पहले ही बिचौलिये की नजर पड़ गयी थी़ बिचौलियों को पता था कि जमीन अधिग्रहित होनेवाली है़ खाता संख्या -83 की जमीन के मूल रैयत महावीर महतो की वारिश रुनिया महताइन है़ं रुनिया से बिचौलियों ने जमीन लिखा ली़ इसके बाद इसकी खरीद-बिक्री कई लोगों के बीच की गयी़ बाद में मुआवाज नये खरीदारों को मिला.

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