पूरे राज्य में एक भी आदर्श ग्राम नहीं बना
रांची: राज्य के गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की योजना को अभी सफलता नहीं मिली है. इन गांवों में काम की रफ्तार इतनी धीमी है कि तीन वर्षों में किसी गांव को आदर्श गांव नहीं बनाया जा सका है. यहां तक की शहीद तेलंगा खड़िया के गुमला जिला स्थित गांव मुरगू को भी आदर्श गांव […]
रांची: राज्य के गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की योजना को अभी सफलता नहीं मिली है. इन गांवों में काम की रफ्तार इतनी धीमी है कि तीन वर्षों में किसी गांव को आदर्श गांव नहीं बनाया जा सका है. यहां तक की शहीद तेलंगा खड़िया के गुमला जिला स्थित गांव मुरगू को भी आदर्श गांव नहीं बनाया जा सका, जबकि इसकी घोषणा 17 अगस्त 2012 को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुदेश हमतो ने की थी.
तेलंगा खड़िया ने अंगरेजों-जमींदारों के जुल्म व शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. वह इनके खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए थे. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2011-12 में राज्य के एक सौ गांवों का चयन आदर्श ग्राम बनाने के लिए किया था. इस वर्ष इसके लिए विभिन्न जिलों को 59.32 करोड़ रुपये दिये गये थे. इसके बाद के दो वित्तीय वर्षों (2012-13 तथा 2013-14) में इस योजना के लिए क्रमश: 27.22 करोड़ तथा 12.60 करोड़ रुपये जारी किये गये.
इस तरह कुल 99.12 करोड़ रुपये 16 संबंधित जिलों को दिये गये थे. पर गांवों को बेहतर बनाने का काम रुका है. अब ग्रमीण विकास विभाग ने सभी 16 जिलों के उपायुक्तों से काम में प्रगति संबंधी स्पष्टीकरण मांगा है. उनसे काम लंबित रहने का कारण पूछा गया है. आठ जिलों ने जवाब दे दिया, जबकि शेष आठ जिलों को रिमाइंडर दिया गया है.