profilePicture

शिक्षा की गुणवत्ता हो रही है प्रभावित, कॉलेजों‍ में 3000 से अधिक व्याख्याताओं के पद रिक्त

रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों के अधीन संचालित कॉलेजों में व्याख्याताओं के लगभग 3000 से अधिक पद खाली हैं. पिछले सात वर्षों से व्याख्याताओं की नियुक्ति नहीं हो पायी है.प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2015 1:39 AM
रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों के अधीन संचालित कॉलेजों में व्याख्याताओं के लगभग 3000 से अधिक पद खाली हैं. पिछले सात वर्षों से व्याख्याताओं की नियुक्ति नहीं हो पायी है.

40 छात्र पर एक व्याख्याता (40:1 अनुपात) की नियुक्ति का निर्देश है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अगस्त 2013 में विश्वविद्यालयों को पत्र लिख कर व्याख्याताओं की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था. कहा था कि व्याख्याताओं की कमी के कारण कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. इस संबंध में व्याख्याताओं की नियुक्ति की मांग को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की गयी है.


झारखंड व्याख्याता पात्रता संघ की ओर से रामानुज पांडेय व चंद्रजीत कुमार ने याचिका दायर की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ श्रीकृष्ण पांडेय ने बताया कि प्रत्येक वर्ष व्याख्याताओं की नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन पिछले सात साल से नियुक्ति नहीं की गयी है. विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ रहा है. स्थिति को बदलने व व्याख्याताओं की शीघ्र नियुक्ति के लिए याचिका दायर की गयी है.

Next Article

Exit mobile version