बाल सुधार गृह से छह बाल कैदी फरार
रांची: सदर थाना क्षेत्र के डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह से छह बाल कैदी चादर के सहारे दीवार फांद कर फरार हो गये. खूंटी निवासी एक बाल कैदी पर नक्सली गतिविधि में शामिल रहने समेत 12 मामले दर्ज थे, जबकि एक कैदी पर चार केस, जबकि एक अन्य बाल कैदी पर पोक्सो एक्ट के तहत […]
रांची: सदर थाना क्षेत्र के डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह से छह बाल कैदी चादर के सहारे दीवार फांद कर फरार हो गये. खूंटी निवासी एक बाल कैदी पर नक्सली गतिविधि में शामिल रहने समेत 12 मामले दर्ज थे, जबकि एक कैदी पर चार केस, जबकि एक अन्य बाल कैदी पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज था. घटना को लेकर रविवार को सदर थाना में बाल सुधार गृह की ओर से लिखित शिकायत दर्ज करायी है.
छह बाल कैदियों में से दो खूंटी के, दो लातेहार के, जबकि दो रांची स्थित जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के रहनेवाले हैं. भागनेवाले सभी कैदी अपने घर पहुंचे हैं या नहीं, पुलिस इसकी जानकारी ले रही है. खबर लिखे जाने तक किसी भी बाल कैदियों के बारे में जानकारी नहीं मिल पायी थी. पुलिस बाल कैदियों की तलाश में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार के दिन सबसे पहले एक बाल कैदी फरार हुआ था. वह खूंटी का रहनेवाला है. उसने तीन चादर को एक दूसरे से बांध कर दीवार में लगे लोहे से फंसा दिया था. इसके बाद वह चादर के सहारे दीवार पर चढ़ कर बाहर कूद फरार हो गया. शनिवार की देर रात्रि ड्यूटी में तैनात रामबिहारी राम ने देखा कि वार्ड से कुछ और बाल कैदी गायब हैं. जब उन्होंने पीछे जाकर देखा, तो पाया कि वार्ड के पांच और बाल कैदी भी चादर के सहारे दीवार फांद कर कर भाग गये. बाल सुधार गृह से मामले की जानकारी मिलने पर सदर थाना पुलिस वहां पहुंची और आसपास के इलाके में छापेमारी की, लेकिन किसी का पता नहीं चला.
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व डुमरदगा स्थित बाल सुधार से बाल कैदी फरार हो चुके हैं. पुलिस के अनुसार बाल सुधार गृह से भागने वाले बाल कैदियों का पूरा ब्यूरो पुलिस को मिल चुका है. पुलिस इसी के आधार पर उनके बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है.
सुरक्षा पर सवाल
छह बाल कैदियों के भागने के बाद बाल सुधार गृह की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. जब दिन में एक बाल कैदी भागा और इसकी जानकारी बाल सुधार गृह के लोगों को मिली, इसके बावजूद सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किये गये. इस वजह से दूसरे बाल कैदियों को वहां से भागने का मौका मिला. रात्रि ड्यूटी में तैनात राम बिहारी राम भी वहां रसोइया हैं, जब उसे मामले की जानकारी मिली, तब उसने लोगों को दी.