पुलिस की तैनाती के बीच मो मुख्तार का निकला जनाजा, जुटे सैकड़ों लोग, ऑटो चालक का हुआ अंतिम संस्कार
रांची : ऑटो चालक मो मुख्तार के शव का सोमवार को भारी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया. कांटाटोली कब्रिस्तान में उसे मिट्टी दी गयी. इससे पहले सोमवार को रिम्स से शव पत्थलकुदवा स्थित आवास पर लाया गया. दिन के करीब 1़ 40 बजे मो मुख्तार का जनाजा निकला, जिसमें सैकड़ों की संख्या में […]
रांची : ऑटो चालक मो मुख्तार के शव का सोमवार को भारी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया. कांटाटोली कब्रिस्तान में उसे मिट्टी दी गयी. इससे पहले सोमवार को रिम्स से शव पत्थलकुदवा स्थित आवास पर लाया गया. दिन के करीब 1़ 40 बजे मो मुख्तार का जनाजा निकला, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए. भीड़ के कारण कांटाटोली चौक के पास वाहनों को चारों ओर से रोक देना पड़ा. मिल्लत कॉलोनी से जनाजे को कांटाटोली कब्रिस्तान लाया गया, जहां दिन के 2़ 20 बजे मिट्टी दी गयी़ अंतिम संस्कार में मिल्लत पंचायत के अध्यक्ष जावेद अहमद, झारखंंड कौमी तहरीक के अध्यक्ष आजम अहमद, सपा के जिला अध्यक्ष मो शाहिद, प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोरचा के अध्यक्ष मो काजिम सहित कई संगठन के लोग शामिल हुए़
जनाजा के आगे पीछे रैफ, जिला पुलिस तथा रैप के जवानों को सतर्क रखा गया था. सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव, सिटी डीएसपी सुदर्शन कुमार आस्तिक, रैफ के अधिकारी, लोअर बाजार, सदर सहित अन्य थानों के अफसर सुरक्षा में लगे हुए थे़ मिट्टी के बाद भी सभी अधिकारी वहां मौजूद थे़ इससे पूर्व डीसी मनोज कुमार, एसएसपी प्रभात कुमार सहित कई प्रशासनिक अधिकारी लोअर बाजार थाना पहुंचे़ इस दौरान मृतक के परिजनों को जिला प्रशासन की ओर से 20 हजार रुपये नगद व दो लाख रुपये का चेक दिया गया़ डीसी ने उनकी पत्नी यास्मिन खातून को विधवा पेंशन कार्ड देने की बात कही. मो काजिम ने बताया कि मुद्रा बैंक से कर्ज देने का अाश्वासन सीएम की ओर से दिया गया है़.
चार अक्तूबर को बेटी की थी मंगनी : मो मुख्तार ने चार अक्तूबर को डोरंडा में अपनी छोटी पुत्री रुखसाना परवीन की मंगनी तय की थी, मंगनी के एक माह के बाद निकाह होनी थी. मो मुख्तार के परिजनों का कहना है कि अब उसकी शादी इस साल होने की संभावना कम है़
थाने में दिया आवेदन : मो मुख्तार के पुत्र मो सद्दाम ने डोरंडा थाना में लिखित आदेवन दिया है़ उसमें लिखा है कि उसके पिता की हत्या गले में गोली मार कर व धारदार हथियार से की गयी है़ इसके पूर्व डाेरंडा पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली थी़ दोनों को मिला कर मामले की जांच की जायेगी़
परमिट नहीं था, रात में चलाते थे ऑटो
मो मुख्तार की पत्नी यास्मिम खातून ने बताया कि परमिट नहीं रहने के कारण दिन में ऑटो (जेएच 01-बीडी-0282) पकड़ा नहीं जाये, इसलिए रात में वह ऑटो चलाते थे़ दिन में एक बार ऑटो पकड़ा गया था, उसमें 55 सौ रुपये जुर्माना लगा था़ पुत्री की शादी के लिए बकरीद जैसे त्योहार पर भी वह कमाने निकले थे़ वे फाेन नहीं रखते थे़ उनकी हत्या 25 सितंबर को हुई, लेकिन पुलिस परिवार वालों को गुमराह करती रही़ अखबार में छपी खबर के बाद जब वे लोग रिम्स गये, तब पता चला कि उनके पति की हत्या हो चुकी है. वह हमेशा पॉकेट में लाइसेंस रखते थे. उनकी जेब में लाइसेंस थे. डोरंडा पुलिस केस को दबाना चाहती थी़
वहीं सपा के मो शाहिद व आजम अहमद ने कहा कि परमिट व गरीबी के कारण मो मुख्तार की जान चली गयी़ यदि जिला प्रशासन परमिट नहीं दे सकती तो, ऑटो के बिक्री पर रोक लगा दे, ताकि किसी गरीब की जान परमिट के कारण न जाये़
सरकार पुत्र को नौकरी दे
मो मुख्तार इकलौता कमाने वाला था़ पत्नी ने कहा की सरकार उसके पुत्र मो सद्दाम को नौकरी दे, ताकि घर ठीक से चल सके़ बड़ी बेटी शब्बा परवीन की शादी का कर्ज अब तक पूरा नहीं हो पाया है. मृतक की मां हसीबा खातून ने कहा कि अब तो खाने के लाले पड़ जायेंगे.