बैंक व सरकार दोनों से निराश हुए किसान

बैंक व सरकार दोनों से निराश हुए किसान ऋषि कुमार तिवारी ने किसानों की व्यथा सुनायी गढ़वा: गढ़वा जिले में सूखे की मार झेल रहे किसान इस समय सरकार की उदासीनता से अपने आप को काफी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. इस संबंध में किसानों की ओर से दर्द साझा कर रहे मेराल प्रखंड के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2015 8:36 PM

बैंक व सरकार दोनों से निराश हुए किसान ऋषि कुमार तिवारी ने किसानों की व्यथा सुनायी गढ़वा: गढ़वा जिले में सूखे की मार झेल रहे किसान इस समय सरकार की उदासीनता से अपने आप को काफी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. इस संबंध में किसानों की ओर से दर्द साझा कर रहे मेराल प्रखंड के अटौला गांव निवासी सह अटौला पैक्स के अध्यक्ष ऋषि कुमार तिवारी ने कहा कि एक तरफ अल्पवृष्टि के कारण किसानों को अपनी फसल बचाने की चिंता है, वहीं दूसरी ओर जिले के सरकारी बैंक किसानों से केसीसी ऋण का भुगतान करने के लिए लगातार दबाव डाल रहे हैं. श्री तिवारी ने कहा कि यह सर्वविदित है कि गढ़वा जिला वर्ष 2008 से ही लगातार सूखे की मार झेल रहा है. इस वर्ष शुरुआती दौर में बारिश से किसानों की उम्मीद जगी थी. इसको देखते हुए किसानों ने भदई एवं खरीफ दोनों अच्छा होने की उम्मीद से अपनी सारी पूंजी खेतों में झोंक दी. लेकिन शुरू में अतिवृष्टि एवं बाद में अनावृष्टि के कारण दोनों ही फसलें उनकी मारी चली गयी हैं. ऐसी स्थिति में बैकों को किसानों की समस्या समझते हुए उनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है. लेकिन बजाय खेती करनेवाले किसानों को 18 महीने तक ऋण का भुगतान नहीं करने के कारण बैकों ने उनके केसीसी को एनपीए घोषित कर दिया है और सितंबर महीने में ही पूरे ऋण की वापसी के लिए दबाव देना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसानों के साथ न तो सरकार खड़ा और न ही सरकारी बैंक ही. यहां तक कि स्थानीय विधायक एवं सांसद भी किसानों के इस समस्या के प्रति पूरी तरह उदासीन महसूस कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसानों का भरोसा सभी पर से उठता नजर आ रहा है.

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