सरकारी पैसे से चिकन खानेवाला बरखास्त : सीएम

रांची : सरकारी पैसे से चिकन चिली खाने तथा वित्तीय गड़बड़ी करने वाले सहकारिता अफसर चंद्रेश्वर कापर को मुख्यमंत्री ने बरखास्त करने का आदेश दे दिया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को चंदेश्वर कापर, तत्कालीन प्रबंध निदेशक, गुमला-सिमडेगा केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड को सेवा से बरखास्त करने का आदेश दिया है. कापर के विरुद्ध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2015 1:19 AM
रांची : सरकारी पैसे से चिकन चिली खाने तथा वित्तीय गड़बड़ी करने वाले सहकारिता अफसर चंद्रेश्वर कापर को मुख्यमंत्री ने बरखास्त करने का आदेश दे दिया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को चंदेश्वर कापर, तत्कालीन प्रबंध निदेशक, गुमला-सिमडेगा केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड को सेवा से बरखास्त करने का आदेश दिया है. कापर के विरुद्ध राशि के गबन, दुर्विनियोग तथा आदेश की अवहेलना के कुल 38 आरोप प्रतिवेदित थे.
वह जिला सहकारिता पदाधिकारी, पाकुड़ के पद पर पदस्थापना के दौरान सरकार के आदेश का उल्लंघन कर खरीफ विपणन मौसम 2012-13 में धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया में बरती गयी अनियमितता, धोखाधड़ी, दुर्विनियोग एवं आपराधिक षड्यंत्र रच कर सरकार की इस योजना के उद्देश्यों को विफल कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप में वर्ष 2013 से निलंबित हैं. उनके विरुद्ध गुमला थाने में छह करोड़, 83 लाख, 15 हजार 600 रुपये के गबन के आरोप में प्राथमिकी भी दर्ज थी. गबन की गयी राशि की वसूली की कार्रवाई भी की जा रही है.
कापर ने गुमला-सिमडेगा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में पदस्थापन के दौरान 5.60 लाख रुपये सरकारी पैसे का चिकन चिली खाया था, साथ ही 6.83 करोड़ की गड़बड़ी की थी. इस गड़बड़ी के आरोप में उनके विरुद्ध छह साल बाद प्राथमिकी दर्ज करने में सफलता मिली थी.
कोऑपरेटिव के ऑडिट के दौरान यह पाया गया था कि कापर ने 2002 से 2005 की अवधि में 5.60 लाख रुपये का चिकन चिली, चिकेन फ्राइ, काजू बिरयानी, मलाई कटलेट आदि खरीद कर खाये थे. इन सामग्रियों की खरीद परिवार नामक रेस्तरां से की गयी थी. मंत्री रणधीर सिंह ने 10 सितंबर को इनकी बरखास्तगी को मंजूरी दे दी है.
सहायक अभियंता पर भी कार्रवाई
मुख्यमंत्री श्री दास ने सहायक अभियंता राजेंद्र प्रसाद को अपने पद के वेतनमान के न्यूनतम स्तर पर करने तथा सरकारी राजस्व की हुई हानि की आनुपातिक वसूली किये जाने का आदेश दिया है.
धनबाद पदस्थापन के दौरान श्री प्रसाद की लापरवाही के कारण संवेदक 64 जाली बिटूमिन इन्वॉयसेस के आधार पर भुगतान प्राप्त करने में सफल हुआ था. प्रसाद ने इन सभी इन्वॉयसेस की सत्यता की संपुष्टि किये बिना 93 लाख 64 हजार 384 रुपये के अनियमित विपत्रें को पारित किया था.
डीइओ की निंदन की सजा बरकार
जामताड़ा के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी अरविंद कुमार को अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहने के कारण विभागीय कार्यवाही में पूर्व में दी गयी निंदन की सजा को बरकरार रखा गया है.
इन्होंने दंड माफ करने की अपील सीएम से की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. अरविंद कुमार पर खूंटी में पदस्थापन के दौरान अपने कार्यालय के लिपिक को न्यायिक हिरासत की अवधि में निलंबित नहीं करने तथा बाद की तिथि में आवेदन प्राप्त कर बिना किसी स्पष्टीकरण के अवकाश स्वीकृत करने का आरोप है. अरविंद कुमार 17 मई 2015 से निलंबित हैं. निगरानी ब्यूरो ने इन्हें जुलाई माह में घूस लेते पकड़ा था.

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