डोरंडा घटना. एसडीओ की कार्रवाई

रांची : डोरंडा में 25 सितंबर को हुई घटना को लेकर एसडीओ ने जिन 72 लोगों को धारा 107 के तहत कार्रवाई के लिए नोटिस भेजा है, उनमें दो की सालों पहले मौत हो चुकी है़ यही नहीं, तीन नाबालिग को भी नोटिस भेजा गया है़ इन सभी पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2015 1:04 AM
रांची : डोरंडा में 25 सितंबर को हुई घटना को लेकर एसडीओ ने जिन 72 लोगों को धारा 107 के तहत कार्रवाई के लिए नोटिस भेजा है, उनमें दो की सालों पहले मौत हो चुकी है़ यही नहीं, तीन नाबालिग को भी नोटिस भेजा गया है़ इन सभी पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया गया है़ नोटिस में कहा गया है कि यह संभव है कि आप परिशांति भंग करेंगे या ऐसा कार्य कर सकते हैं. इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि आप स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से एसडीओ के कोर्ट में उपस्थित हों. सभी को एक- एक हजार रुपये का बांड भरने का निर्देश दिया गया है.
कार्रवाई से लोग हैरान : एसडीओ ने जिन्हें नोटिस भेजा है, उनमें ग्वालाटोली निवासी राजू उर्फ हैदर अली और मुसलिम गद्दी के नाम भी शामिल हैं. इनमें मुसलिम गद्दी की मौत 28 दिसंबर 2009 को हो चुकी है. वहीं, राजू उर्फ हैदर अली का निधन भी डेढ़ साल पहले हो चुका है़ नोटिस रहमत कॉलोनी निवासी 78 वर्षीय हाजी ताहिर हुसैन को भी भेजा गया है. हाजी ताहिर हुसैन की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह ठीक से चल-फिर सके़ तीन बच्चों को भी नोटिस भेजा गया है, हालांकि नाबालिग होने के कारण यहां उनके नाम नहीं प्रकाशित किये जा रहे़ पुलिस की इस कार्रवाई से लोग हैरान हैं.

कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
नोटिस मिलने के बाद मृतकों के परिजन इस बात को लेकर परेशान हैं कि वे अब किसे एसडीओ के कोर्ट में हाजिर होने के लिए भेजें. तीनों नाबालिग के परिजन भी हतप्रभ हैं. परिजनों का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें या हाजिरी लगाने के लिए एसडीओ कोर्ट में. लोग पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी उठाने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पुलिस मृत लोगों पर उन्माद फैलाने का आरोप लगा सकती है, तो निर्दोष को फंसा क्यों नहीं सकती़ सरकार को मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए़

‘‘ जिन लोगों को धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में 107 के तहत नोटिस भेजा गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा डोरंडा पुलिस ने की थी. अब पुलिस ही बता पायेगी कि किन लोगों की मौत हो चुकी है और कौन वृद्ध व बच्चे हैं.
अमित कुमार, एसडीओ

‘‘ जिनके खिलाफ 107 के तहत कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी, संभव है कि उनमें कुछ मृत लोग भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि कुछ पर पुराने रिकॉर्ड के आधार पर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. जहां तक नाबालिग लोगों के नाम की बात है, तो वे लोग धार्मिक उन्माद फैलाने में शामिल थे. सुधीर कुमार
थाना प्रभारी, डोरंडा

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