वाणज्यिकर सचिव को व्यवसायियों ने बतायी परेशानी

वाणिज्यकर सचिव को व्यवसायियों ने बतायी परेशानीइन्वॉयस वाइज डिटेल्स मांगे जाने का व्यवसायी कर रहे हैं विरोधरांची. वाणिज्यकर विभाग द्वारा प्रथम त्रैमासिक विवरणी जे-वैट 200 में इन्वॉयस वाइज डिटेल्स (हरेक बिल का ब्योरा) मांगे जाने से हो रही परेशानियों के निराकरण को लेकर चेंबर प्रतिनिधिमंडल वाणिज्यकर सचिव सह आयुक्त निधि खरे से मिला. चेंबर अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 9:31 PM

वाणिज्यकर सचिव को व्यवसायियों ने बतायी परेशानीइन्वॉयस वाइज डिटेल्स मांगे जाने का व्यवसायी कर रहे हैं विरोधरांची. वाणिज्यकर विभाग द्वारा प्रथम त्रैमासिक विवरणी जे-वैट 200 में इन्वॉयस वाइज डिटेल्स (हरेक बिल का ब्योरा) मांगे जाने से हो रही परेशानियों के निराकरण को लेकर चेंबर प्रतिनिधिमंडल वाणिज्यकर सचिव सह आयुक्त निधि खरे से मिला. चेंबर अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि विभाग का यह निर्णय अव्यवहारिक है, जिसे पूरा करना किसी भी व्यवसायी के लिए असंभव है. एक-एक व्यवसायी द्वारा दस-दस हजार की संख्या में इन्वॉयस लोड करना संभव नहीं है. इस क्रम में कई बार सिस्टम भी फेल हो जा रहा है. 15 सितंबर के बाद अब व्यापारी परमिट भी डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 में एनुअल रिटर्न में हुई गलतियों को सुधारने के लिए एनुअल में रिवाईज रिटर्न की व्यवस्था दिये जाने, पिंक परमिट की बाध्यता को समाप्त किये जाने, क्वार्टली रिटर्न से इन्वॉयस वाईज डिटेल्स की बाध्यता समाप्त करने, करमुक्त वस्तुओं पर मासिक और त्रैमासिक रिटर्न की प्रक्रिया समाप्त कर वार्षिक रिटर्न का प्रावधान तय किये जाने, ऑडिट लिमिट को 40 लाख से एक करोड़ किये जाने, प्रोफेशनल टैक्स को शिथिल करने, 100 प्रतिशत एनुअल एसेसमेंट को समाप्त किये जाने और पांच फीसदी आयकर की तरह खातों को ही एसेसमेंट करने और झारखंड ओटीएस शुरू करने का आग्रह किया. चेंबर महासचिव विनय अग्रवाल ने सलाहकार समिति के गठन की मांग की. सचिव निधि खरे ने कहा कि टैक्स इन्वॉयस के साथ-साथ रिटेल इन्वॉयस भी व्यवसायियों को देना चाहिए, ताकि जो व्यवसायी नन रजिस्टर्ड हैं, उन्हें रजिस्ट्रेशन दिया जा सके. यह भी कहा कि अगर सभी व्यवसायी इस योजना में आ जाते हैं, तो एक नवंबर से पिंक परमिट समाप्त करने की प्रक्रिया पर विभाग कार्रवाई प्रारंभ करेगा. चेंबर ने इस पर अगली बैठक में चर्चा करने की बात कही. प्रतिनिधिमंडल में राहुल मारू, दीनदयाल वर्णवाल, मनोज नरेडी, गिरीश मल्होत्रा, गणेश खेमका, बनवारी अग्रवाल, सौरभ केडिया, संजय अखौरी तथा विभाग के संयुक्त आयुक्त नीलम गुप्ता, अपर आयुक्त जुगल किशोर मौजूद थे.

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