नील गगन के दूर क्षितिज से ज्योतिचक्र उग आया़़
नील गगन के दूर क्षितिज से ज्योतिचक्र उग आया़़- साहित्यकार भगवान चंद्र घोष की स्मृति में कविता पाठ प्रतियोगिताफोटो विमल देवलाइफ रिपोर्टर @ रांचीसाहित्यकार स्व भगवान चंद्र घोष की चौथी पुण्यतिथि पर बुधवार को डॉन बॉस्को स्कूल कोकर में सामाजिक- सांस्कृतिक संस्था ‘शुभोदया’ की ओर से कविता पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गयी़ विद्यार्थियों ने उनकी […]
नील गगन के दूर क्षितिज से ज्योतिचक्र उग आया़़- साहित्यकार भगवान चंद्र घोष की स्मृति में कविता पाठ प्रतियोगिताफोटो विमल देवलाइफ रिपोर्टर @ रांचीसाहित्यकार स्व भगवान चंद्र घोष की चौथी पुण्यतिथि पर बुधवार को डॉन बॉस्को स्कूल कोकर में सामाजिक- सांस्कृतिक संस्था ‘शुभोदया’ की ओर से कविता पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गयी़ विद्यार्थियों ने उनकी दो कविताएं ‘नील गगन के दूर क्षितिज से ज्योतिचक्र उग आया़़ ‘ और ‘ओ निर्बल आंसू के पुतले, आंसू के क्या मोल अरे क्या़़?’ का पाठ किया़ प्रतिभागियों का मूल्यांकन साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी, प्रो कमल कुमार बोस व मिथिलेश अकेला ने किया़ मौके पर स्व भगवान चंद्र घोष की पत्नी रेखा घोष, डॉन बॉस्को हेसाग के रेक्टर फादर हिलारियुस कुल्लू, प्रधानाध्यापक फादर ज्योतिष मिंज और दिनेशचंद्र मिश्रा उपस्थित थे़जूनियर में दीप्ति, सीनियर सेक्शन में रागिनी अव्वल : प्रतियोगिता के जूनियर सेक्शन वर्ग सात व आठ में दीप्ति मेघा मिंज को प्रथम, इशिता वेनेसा मिंज को द्वितीय व अतुल्य श्रेया तिग्गा को तृतीय पुरस्कार मिला़ सीनियर सेक्शन वर्ग नौ व 10 में रागिनी कुमारी ने पहला, उत्साह शर्मा ने दूसरा व आर्ची टोपनो ने तीसरा स्थान हासिल किया़