वीआरएस ले सकती हैं डीजी आशा सिन्हा!

रांची: डीजी आशा सिन्हा वीआरएस या इस्तीफे का फैसला ले सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक होमगार्ड डीजी के पद से हटायी गयी सीनियर आइपीएस आशा सिन्हा गुरुवार को सीएम से मिलेंगी. वह अपने तबादले को रद्द करने या किसी पद पर पदस्थापित करने का आग्रह करेंगी. सीएम से मुलाकात के बाद वह अपना फैसला लेंगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 1:17 AM

रांची: डीजी आशा सिन्हा वीआरएस या इस्तीफे का फैसला ले सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक होमगार्ड डीजी के पद से हटायी गयी सीनियर आइपीएस आशा सिन्हा गुरुवार को सीएम से मिलेंगी. वह अपने तबादले को रद्द करने या किसी पद पर पदस्थापित करने का आग्रह करेंगी. सीएम से मुलाकात के बाद वह अपना फैसला लेंगी. सूत्रों ने बताया है कि मंगलवार को हुए तबादले (किसी पद पर पोस्टिंग नहीं दिये जाने) की वजह से आशा सिन्हा दुखी हैं. वह करीब 32 साल तक पुलिस विभाग में काम कर चुकी हैं.

करीब पांच माह बाद वह सेवानिवृत्त होनेवाली हैं. सरकार ने उन्हें डीजी होमगार्ड के पद से हटाते हुए पुलिस मुख्यालय में योगदान करने का आदेश दिया है. उनके सामने समस्या यह है कि सरकार के आदेश के मुताबिक उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान करना है और डीजीपी के पद पर उनसे दो साल जूनियर आइपीएस डीके पांडेय पदस्थापित हैं.

महिला होमगार्ड ने की थी शिकायत
रांची जागरण मंच के जिस आवेदन को डीजी होमगार्ड ने मुख्य सचिव को भेजते हुए जांच कराने का अनुरोध किया था, उसमें महिला होमगार्ड ने डीआइजी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जागरण मंच ने जुलाई माह में डीजी आशा सिन्हा को आवेदन दिया था. जिसे उन्होंने 24 जुलाई को मुख्य सचिव के पास भेज दिया था. करीब ढ़ाई माह बाद पांच सितंबर को गृह सचिव ने डीजी होमगार्ड को पत्र लिख कर महिला होमगार्ड व चालक संजय कुमार को बयान देने का लिए आठ सितंबर को भेजने को कहा था. यह पत्र सात सितंबर को डीजी होमगार्ड को मिला, जिसके बाद 22 सितंबर को महिला होमगार्ड ने शपथ पत्र दाखिल कर रांची जागरण मंच के आवेदन में कही गयी बातों को दुहराया है.

फायर अफसर निबटायेंगे नक्शे व इंश्योरेंस की फाइल
डीजी होमगार्ड और डीआइजी के तबादले के बाद सरकार ने नक्शा क्लीयरेंस और इंश्योरेंस क्लेम की फाइल के निपटारे के लिए नयी व्यवस्था बनायी है. इसके तहत प्रमंडलीय फायर अधिकारी के स्तर से ही दोनों मामलों का निष्पादन किया जायेगा. पहले दोनों मामलों की फाइलें डीजी होमगार्ड तक जाती थी.

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