ऐसे समाज का नर्मिाण करें जहां कोई भूखा न रहे: निवेदिता

ऐसे समाज का निर्माण करें जहां कोई भूखा न रहे: निवेदिता सेवा की संकल्पना विषय पर परिचर्चा का आयोजनतसवीर विमल देव देंगेरांची. विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा रांची की ओर से रविवार को आरोग्य भवन सभागार में सेवा की संकल्पना विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया़ मुख्य वक्ता निवेदिता रघुनाथ भिड़े ने एकनाथ राणाडे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2015 9:24 PM

ऐसे समाज का निर्माण करें जहां कोई भूखा न रहे: निवेदिता सेवा की संकल्पना विषय पर परिचर्चा का आयोजनतसवीर विमल देव देंगेरांची. विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा रांची की ओर से रविवार को आरोग्य भवन सभागार में सेवा की संकल्पना विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया़ मुख्य वक्ता निवेदिता रघुनाथ भिड़े ने एकनाथ राणाडे के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने सेवा को प्रतष्ठित किया. उन्होंने कहा कि सेवा के चार प्रकार हैं, जिनमें चौथे प्रकार की सर्वोच्च सेवा समाज सेवा है़ ऐसे समाज का निर्माण करना है, जिसमें कोई भूखा न रहे, अनाथ न रहे, बेरोजगार न रहे यही अाध्यात्मिकता है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पाण्डेय थे. कुलपति श्री पाण्डेय ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम की पंक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि वैसे सपने अवश्य देखने चाहिए, जो समाज के लिए कुछ काम आये. कार्यक्रम की अध्यक्षता विनोद गढ़यान ने की. वहीं, संचालन श्रीमती शुभ्रा मजूमदार व डॉ पंकज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया़ कार्यक्रम में मुकेश (संगठक) बिहार-झारखंड, चितरंजन कुमार (सह-संयोजक), विजय घोष, वेद बागला, याज्ञवल्य शुक्ला, एम एन चौधरी, संजय सर्राफ, राजेश अग्रवाल, प्रशांत पाण्डेय, आर के तिवारी, साधु उरांव, मनोज भगत, नमिता पाण्डेय, देवेंद्र, आकांक्षा सहित अनेक लोग उपस्थित थे़

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