राज्य भर के आरटीआइ कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव बांटे

राज्य भर के आरटीआइ कार्यकर्ताअों ने अपने अनुभव बांटेइंट्रोरांची . सूचना के अधिकार की 10 वीं वर्षगांठ पर राज्य भर के आरटीआइ कार्यकर्ता रविवार को प्रभात खबर में जुटे. यहां पर झारखंड आरटीआइ फोरम व लायंस क्लब अॉफ रांची कैपिटल की अोर से परिचर्चा हुई. वक्ताअों ने सूचना अधिकार अधिनियम के लागू होने के वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2015 9:40 PM

राज्य भर के आरटीआइ कार्यकर्ताअों ने अपने अनुभव बांटेइंट्रोरांची . सूचना के अधिकार की 10 वीं वर्षगांठ पर राज्य भर के आरटीआइ कार्यकर्ता रविवार को प्रभात खबर में जुटे. यहां पर झारखंड आरटीआइ फोरम व लायंस क्लब अॉफ रांची कैपिटल की अोर से परिचर्चा हुई. वक्ताअों ने सूचना अधिकार अधिनियम के लागू होने के वर्ष 2005 से लेकर अब तक यानी 10 साल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. साथ ही सूचना अधिकार से संबंधित अपने अनुभव बांटे. यह बताया कि कैसे सूचना का अधिकार देश की जनता के लिए दूसरी आजादी है. वहीं जनता को मिले सारे अधिकारों में सबसे सशक्त अधिकार है. वक्ताअों ने कहा कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है. इस पर चर्चा हुई कि कैसे कानून व्यवस्था, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क से लेकर वेतन-पेंशन के मामलों में भी आरटीआइ के जरिये जीत हासिल हुई है. कैसे भ्रष्टाचार का परदाफाश हुआ. अयोग्य को पद से हटना पड़ा है. इन सारी उपलब्धियों पर हर्ष जाहिर किया गया. वहीं इस ताकत को अब सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया. घूस को घूसा का आंदोलन फिर से खड़ा करने पर बात हुई. इस पर बल दिया गया कि सूचना नहीं देने की मानसिकता वाले अफसरों पर दबाव दिया जाये. उनमें दंड का भय हो. दूसरी अोर कार्यकर्ता भी सूचना अधिकार का इस्तेमाल व्यवस्था सुधारने व भ्रष्टाचार रोकने के लिए ही करें, इसका दुरुपयोग न हो. इसका उपयोग हर हाल में सकारात्मक ही हो. चर्चा के दौरान कार्यकर्ताअों ने सूचना आयोग के कार्यकलापों के प्रति अविश्वास जताया. इस पर आयोग के आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा कि वे हताश-मायूस न हों. आश्वासन दिया कि साल भर में आयोग की सारी चीजें सुधर जायेंगी. आयोग दूसरे रूप में नजर आयेगा.

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