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आदिवासी उच्च विद्यालय पिस्का: बंद स्कूल से 250 छात्र होते हैं पास

रांची: आदिवासी आवासीय उच्च विद्यालय पिस्का का गत चार वर्षों में जब भी निरीक्षण हुआ बंद पाया गया़ प्रति वर्ष जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया जाता है़ एक बार प्रायोगिक परीक्षा के दौरान भी विद्यालय बंद पाया गया़ विद्यालय में परीक्षा नहीं ली जा रही थी़ स्थानीय लोगों ने बताया था […]

रांची: आदिवासी आवासीय उच्च विद्यालय पिस्का का गत चार वर्षों में जब भी निरीक्षण हुआ बंद पाया गया़ प्रति वर्ष जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया जाता है़ एक बार प्रायोगिक परीक्षा के दौरान भी विद्यालय बंद पाया गया़ विद्यालय में परीक्षा नहीं ली जा रही थी़ स्थानीय लोगों ने बताया था कि विद्यालय में पढ़ाई नहीं होती, केवल परीक्षा फार्म भरा जाता है़ वर्ष 2014 में जैक ने फिर डीइअो को स्कूल की स्थिति के बारे में जांच रिपोर्ट देने को कहा. जांच में स्कूल बंद पाया गया़ जांच रिपोर्ट जैक को भेज दी गयी़.

डीइओ ने विद्यालय की स्थापना अनुमति वापस लेने को कहा, लेकिन जैक की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी़ नौ अक्तूबर को जिला शिक्षा पदाधिकारी के निरीक्षण के दौरान भी स्कूल बंद पाया गया़ स्थानीय लोगों ने स्कूल में गाय-भैंस बंधी बताया़ स्कूल से वर्ष 2016 में भी विद्यालय से पंजीकृत विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में शामिल होंगे़ 2017 की मैट्रिक परीक्षा के लिए भी विद्यार्थियों के पंजीयन का आवेदन स्कूल की ओर से दिया गया है़ हालांकि इसे स्वीकार नहीं किया गया है़ जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने स्कूल की स्थापना अनुमित समाप्त करने की अनुशंसा की लेकिन जैक की ओर से काेई कार्रवाई नहीं की गयी़ विद्यालय से गत चार वर्ष में एक हजार से अधिक विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में शामिल हो चुके हैं.

डीइओ क्यों देते हैं अनुमति
स्थापना अनुमति विद्यालय में उपलब्ध संसाधन के अनुरूप जिला शिक्षा पदाधिकारी पंजीयन के लिए छात्र संख्या की अनुशंसा करते है़ं जब वर्ष 2012-13 में ही पता चला कि विद्यालय बंद रहता है़ इसके बाद भी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा स्कूल से विद्यार्थियों को पंजीयन की अनुमति क्यों दी गयी, यह जांच का विषय है.

जैक ने नहीं की कार्रवाई
जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा के बाद भी जैक द्वारा विद्यालय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी़ विद्यालय को मान्यता जैक की ओर से ही दी गयी है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा विद्यालय की मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया तक शुरू नहीं की गयी़ विद्यालय को कभी कारण बताओ नोटिस तक जारी नहीं किया गया़ .

क्या कहते जैक अध्यक्ष
जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि ऐसे विद्यालय से विद्यार्थी का परीक्षा में शामिल होना काफी गंभीर मामला है़ जब डीइओ द्वारा स्कूल की स्थापना अनुमित समाप्त करने की अनुशंसा की गयी तो जैक द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की गयी
इसकी जांच की जायेगी़
दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी़

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