एनएसडीसी पार्टनर संस्थानों को देती है प्रशक्षिण का कर्ज : प्रवीण टोप्पो

एनएसडीसी पार्टनर संस्थानों को देती है प्रशिक्षण का कर्ज : प्रवीण टोप्पोकौशल विकास मिशन का प्रचार-प्रसार करने की जरूरत वरीय संवाददाता, रांचीझारखंड राज्य कौशल विकास मिशन के परियोजना निदेशक प्रवीण टोप्पो का कहना है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन (पीएमकेवीवाइ) को लेकर अब भी अधिक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है. उनके अनुसार कौशल विकास कार्यक्रम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2015 8:05 PM

एनएसडीसी पार्टनर संस्थानों को देती है प्रशिक्षण का कर्ज : प्रवीण टोप्पोकौशल विकास मिशन का प्रचार-प्रसार करने की जरूरत वरीय संवाददाता, रांचीझारखंड राज्य कौशल विकास मिशन के परियोजना निदेशक प्रवीण टोप्पो का कहना है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन (पीएमकेवीवाइ) को लेकर अब भी अधिक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है. उनके अनुसार कौशल विकास कार्यक्रम को लेकर राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीसी), सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) से संबद्ध संस्थानों को ही पीएमकेवीवाई के तहत प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए एनएसडीसी निबंधित स्वंयसेवी संस्थानों को कर्ज देती है. वहीं केंद्र सरकार ग्रामीण विकास विभाग के जरिये राष्ट्रीय आजीविका मिशन कार्यक्रम चलाती है, जिसमें केंद्र से प्रशिक्षण के लिए पैसे दिये जाते हैं. राज्य सरकार की तरफ से चलाये जानेवाले कार्यक्रमों का खर्च चयनित संस्थानों को प्रति लाभुक के आधार पर दिया जाता है. एनएसडीसी की तरफ से संबद्ध संस्थानों में प्रशिक्षण पाने वाले लाभुकों का बैंक खाता होना अनिवार्य किया गया है, जो आधार कार्ड से लिंक्ड हो. इसी खाते पर प्रशिक्षण पूरा होने पर केंद्र सरकार की तरफ से तय शुल्क हस्तांतरित की जाती है. केंद्र सरकार ने मोनिटरी अवार्ड के रूप में तीन चरण तय किये हैं. इसमें मैन्यूफैक्चरिंग, प्लंबिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के लिए लेवल-1, 2, लेवल 3,4 और लेवल 5, 6 शामिल है. पहले स्तर के लिए 75 सौ रुपये, दूसरे के लिए 10 हजार और तीसरे के लिए 12 हजार रुपये प्रति प्रशिक्षणार्थी मानिटरी अवार्ड दिये जाने का प्रावधान है. 25 सेक्टर किये गये हैं चिह्नितएनएसडीसी से 25 विभिन्न श्रेणियों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी है. इसमें कृषि, अपारेल, ब्यूटी, कैपिटल गुड्स, हेल्थ केयर, माइनिंग, रीटेल, रबर, सिक्यूरिटी, टेलीकॉम, लेदर, आइटी और आइटीइएस, आधारभूत संरचना, आटोमोटिव, लोहा और इस्पात, इलेक्ट्रोनिक्स, जेम्स एंड ज्वेलरी, लाइफ साइंस, लोजिस्टिक्स, मीडिया, टेक्सटाइल्स, टूरिज्म जैसे सेक्टर हैं. इन सेक्टरों के लिए अलग-अलग सेक्टर काउंसिल से संबद्धता दी जाती है.

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