मतस्य विभाग की पहल, स्थानीय युवकों की मदद से हुई तालाब की सफाई

रांची:बुंडू स्थित बड़ा तालाब की सफाई मत्स्य विभाग ने स्थानीय युवकों की मदद से मात्र पांच लाख रुपये में ही करा दी. यह काम मात्र एक माह के अंदर कर दिया गया. तालाब करीब 99 एकड़ में फैला हुआ है. हैरत है कि बुंडू के स्थानीय निकाय ने इसकी सफाई के लिए सवा तीन करोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 12:53 AM

रांची:बुंडू स्थित बड़ा तालाब की सफाई मत्स्य विभाग ने स्थानीय युवकों की मदद से मात्र पांच लाख रुपये में ही करा दी. यह काम मात्र एक माह के अंदर कर दिया गया. तालाब करीब 99 एकड़ में फैला हुआ है. हैरत है कि बुंडू के स्थानीय निकाय ने इसकी सफाई के लिए सवा तीन करोड़ की योजना बनायी थी. इसके बाद गांव के लोगों ने मत्स्य विभाग को इसकी जानकारी दी. अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया. तालाब पूरी तरह जलकुंभी से भरा हुआ था. पूरा तालाब मैदान की तरह नजर आता था. अधिकारियों ने गांव के 150 युवकों का चयन कौशल विकास मिशन के तहत किया. इसके बाद युवकों से आग्रह किया गया कि इस तालाब की सफाई कर यहीं मछली पालेंगे, जिसके बाद उन्हें मत्स्य पालन का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस पर युवक तैयार हो गये.

नौ सितंबर को शुरू हुई थी सफाई

तालाब की सफाई का काम नौ सितंबर को शुरू किया गया था. इससे पूर्व 29 अगस्त को मीटिंग में इसकी प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी थी. विभागीय सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इसके लिए मत्स्य निदेशालय को एक माह का समय दिया. नौ सितंबर से शुरू हुआ काम पांच अक्तूबर को समाप्त हो गया. इसमें 150 युवकों को 2000-2000 रुपये कौशल विकास मिशन के तहत दिये गये. तीन जेसीबी लगायी गयी थी, इसके लिए झास्कोफिश से दो लाख रुपये लिये गये. करीब 13 दिनों तक जेसीबी लगायी गयी. इससे पूरा तालाब साफ किया गया.

विभाग के लिए यह एक मिशाल है. स्थानीय लोगों ने सहयोग ऐसा काम किया है, जो दूसरों के लिए आर्दश होगा. यह आने वाले समय में सभी विभागों को रास्ता दिखायेगा.

रणधीर कुमार सिंह, कृषि मंत्री

तालाब सफाई के लिए बुंडू के एसडीओ से बात की थी. उन्होंने बताया कि इसकी साफ-सफाई और सुंदरीकरण के लिए 7.50 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है. इसमें करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये जलकुंभी निकालने के लिए है. विभागीय इंजीनियरों से बात की तो उन्होंने 60 लाख रुपये का प्लान दिया. इसके बाद स्थानीय लोगों से बात कर कौशल विकास मिशन की राशि से इसे साफ कराया गया.

राजीव कुमार, निदेशक, मत्स्य

गांव के युवा नशे की गिरफ्त में जा रहे थे. उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं था. मत्स्य विभाग के प्रयास से युवकों को रास्ता दिखाया जा रहा है. रोजगार का सृजन हुआ है. अब युवा गांव छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं.

चंदन कुमार, ग्रामीण बुंडू

Next Article

Exit mobile version