गजटेड रेंजर हो जायेंगे नन गजटेडरेंजरों की नियुक्ति बीपीएससी की अनुशंसा पर सरकार ने की थीसरकार ही करती है ट्रांसफर व पोस्टिंगसरकार ने निर्णय लिया, तो पीसीसीएफ हो जायेंगे नियंत्री पदाधिकारीराणा प्रताप, रांची वन विभाग के गजटेड सेवा के वन क्षेत्र पदाधिकारियों (रेंजर) को नन गजटेड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. यह प्रक्रिया नियुक्ति नियमावली बनाने के नाम पर गोपनीय तरीके से सरकार की अोर से की जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के उच्चाधिकारियों द्वारा इस बिंदु पर कई दाैर की बातचीत हो चुकी है. अंतिम निर्णय शीघ्र लिये जाने की संभावना है. यदि ऐसा हुआ, तो पीसीसीएफ रेंजर के नियंत्री पदाधिकारी हो जायेंगे. उनके स्तर से ही नियुक्ति, प्रोन्नति व कार्रवाई हो सकेगी. गजटेड रेंजर को नन गजटेड बनाने के प्रयास के पीछे मुख्य कारण वन विभाग में अलग-अलग कैडर का होना बताया जा रहा है. उक्त विभाग में वन रक्षी, वनपाल, रेंजर व एसीएफ का अलग-अलग कैडर है. प्रोन्नति से दूसरे कैडर में नियुक्ति का प्रावधान है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1973 में बिहार सरकार ने अधिसूचना जारी कर वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) के पद को राजपत्रित (गजेटेड) घोषित किया था. इस कैडर के लिए 383 पद भी सृजित किये गये थे. इसके बाद रेंजरों की नियुक्ति की प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा होने लगी. राज्य सरकार द्वारा रेंजरों की नियुक्ति, प्रोन्नति व सिविल सर्विस कंट्रोल एंड अपील रूल्स 1930 के तहत उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है. अखिल भारतीय सेवाअों व राज्य सेवा के सभी राजपत्रित पदाधिकारियों के खिलाफ सिविल सर्विस कंट्रोल एंड अपील रूल्स 1930 के तहत कार्रवाई की जाती है.पूर्व में भी हुआ था रेंजर पद को नन गजटेड बनाने का प्रयास, हाइकोर्ट ने किया था खारिजपटना हाइकोर्ट की रांची पीठ ने एक मामले में वन विभाग के विभागाध्यक्ष के आदेश को निरस्त करते हुए आदेश पारित किया था कि रेंजर का पद गजटेड कैडर का पद है. उसकी नियुक्ति सरकार के स्तर से की जाती है. इसलिए इस कैडर के अधिकारी के खिलाफ विभागाध्यक्ष कार्रवाई नहीं कर सकता है. तत्कालीन विभागाध्यक्ष ने रेंजर एनके द्विवेदी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की थी. इसे उन्होंने चुनाैती दी थी. वर्जनरेंजरों को नन गजटेड कैडर में लाने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है. वे आज भी गजटेड में है. रेंजरों की नियुक्ति नियमावली बनाने की प्रक्रिया पिछले काफी समय से चल रही है. पुराना मामला है. इस विभाग में नन गजटेड व गजटेड में भी वन रक्षी, वनपाल, रेंजर व एसीएफ के अलग-अलग कैडर हैं. रेंजरों के मामले में 1973 की अधिसूचना की बात सामने आ रही है. सुखदेव सिंह, प्रधान सचिव वन, पर्यावरण व क्लाइमेट चेंज विभाग
गजटेड रेंजर हो जायेंगे नन गजटेड
गजटेड रेंजर हो जायेंगे नन गजटेडरेंजरों की नियुक्ति बीपीएससी की अनुशंसा पर सरकार ने की थीसरकार ही करती है ट्रांसफर व पोस्टिंगसरकार ने निर्णय लिया, तो पीसीसीएफ हो जायेंगे नियंत्री पदाधिकारीराणा प्रताप, रांची वन विभाग के गजटेड सेवा के वन क्षेत्र पदाधिकारियों (रेंजर) को नन गजटेड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. यह प्रक्रिया […]
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