स्टेंट की कीमत सीजीएचएस दर पर क्यों नहीं?

जब सीजीएचएस दर पर हो रही है जांच व मरीज खा रहे हैं जेनरिक दवा तो राजीव पांडेय रांची : राज्य के अस्पतालों में स्टेंट की अधिकतम कीमत अभी भी तय नहीं हो पायी है. इस कारण सरकार एवं मरीजाें को स्टेंट की वास्तविक कीमत से ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ रहा है. जानकारों का कहना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2015 12:16 AM
जब सीजीएचएस दर पर हो रही है जांच व मरीज खा रहे हैं जेनरिक दवा तो
राजीव पांडेय
रांची : राज्य के अस्पतालों में स्टेंट की अधिकतम कीमत अभी भी तय नहीं हो पायी है. इस कारण सरकार एवं मरीजाें को स्टेंट की वास्तविक कीमत से ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ रहा है. जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार ने अस्पतालों में पैथोलॉजी जांच के लिए सीजीएसएच दर पर दो निजी एजेंसी को जिम्मेदारी दी है. मरीजों को अस्पताल में जेनरिक दवा उपलब्ध करायी जा रही है, तो स्टेंट की दर सीजीएचएस दर पर क्यों नहीं हो सकती है. इधर, राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में सीजीएचएस दर पर ही इलाज कराने का निर्णय हो चुका है.
सीजीएचएस में अधिकतम खर्च 24 हजार तक : स्टेंट की कीमत सीजीएचएस दर में 23,500 रुपये है, लेकिन सरकार को इससे अधिक कीमत देनी पड़ रही है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में भी स्टेंट की कीमत तय नहीं होने के कारण बीपीएल एवं कैदी मरीजों को सीजीएचएस दर से ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही है. कई मरीजों के लिए 95 हजार रुपये देना पड़ रहा है.
कार्डियोलॉजिस्ट ही नहीं चाहते सीजीएचएस का रेट : रिम्स के कार्डियाेलॉजिस्ट ही स्टेंट की कीमत सीजीएचएस दर पर नहीं होने देना नहीं चाहते हैं. सूत्रों की मानें तो चिकित्सकों की दलील है कि कम दर वाले स्टेंट से उनको परेशानी होगी. रात भर मरीज की चिंता सतायेगी. चिकित्सकों का कहना है कि मरीज की जान पर बन सकती है. हम झंझट नहीं चाहते हैं, इसलिए सीजीएसएस की कीमत वाले स्टेंट नहीं लगा सकते.
सीजीएचएस दर पर कर रहे विचार
सीजीएचएस की दर पर भी हम विचार कर रहे हैं. अगर एम्स एवं अन्य संस्थान में सीजीएचएस का पालन हो रहा होगा, तो यहां भी माना जायेगा. जरूरत पड़ने पर हम राज्य सरकार से बातचीत भी करेंगे.
डॉ बीएल शेरवाल
निदेशक, रिम्स

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