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चुनाव के बाद लालू की जगह होटवार जेल : रघुवर दास

रांची/मुजफ्फरपुर: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, महागंठबंधन में शामिल सभी दलों का एक ही मकसद है, शक्ति, सत्ता व संपत्ति हासिल करना. किसानों, मजदूरों व आम आदमी के विकास से उसका कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस लुटेरों की पार्टी है, तो लालू प्रसाद की पार्टी डकैतों की हैं. इन दोनों के मेल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 1:55 AM

रांची/मुजफ्फरपुर: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, महागंठबंधन में शामिल सभी दलों का एक ही मकसद है, शक्ति, सत्ता व संपत्ति हासिल करना. किसानों, मजदूरों व आम आदमी के विकास से उसका कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस लुटेरों की पार्टी है, तो लालू प्रसाद की पार्टी डकैतों की हैं. इन दोनों के मेल से ही झारखंड में मधु कोड़ा की सरकार बनी, जिसने चार हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया. चारा घोटाला भी झारखंड की धरती पर ही हुआ. इस चुनाव के बाद लालू प्रसाद को बिहार की धरती पर कोई जगह नहीं मिलेगी. उन्हें होटवार (जेल) में रहना है.

वे रविवार को बीबी कॉलेजिएट में शहरी क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी सुरेश शर्मा के पक्ष में जन सभा को संबोधित कर रहे थे. कहा, आज सभी पार्टियों के लिए मोदी ही टारगेट क्यों हैं? क्योंकि वे गरीब की बात करते हैं, विकास की बात करते हैं.

भारत में लोकतंत्र की जड़ें काफी मजबूत है. यहां गरीब, पिछड़ा का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है, तो एक मजदूर व पार्टी का आम कार्यकर्ता झारखंड का मुख्यमंत्री. लेकिन कुछ पार्टियां ऐसी है जो स्वयं, अपनी पत्नी व उसके बाद बेटे, बेटी के बारे में ही सोचते हैं. तो कुछ हम-ही-हम की सोच रखते हैं. यही कारण है कि महादलित के बेटे जीतन राम मांझी को बेइज्जत कर मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया. झारखंड के सीएम ने मुसलमानों को भी साधने की कोशिश की. कहा, मुसलमान भाजपा को विरोध के चश्मे से ना देखें. उन्हें मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान में जाकर देखना चाहिए. वहां जो भी योजनाएं बनती हैं, उसका लाभ सभी वर्गों को मिलता है.

अपने व नीतीश के 10 माह के शासनकाल की तुलना करते हुए कहा, इस दौरान उ‍द्योग के लिए बेहतर माहौल के मामले में हम सत्रहवें से तीसरे स्थान पर तो बिहार 27 वें से 21 वें स्थान पर ही आ सका है. उन्होंने कहा िक विकास दर में भी बिहार पिछड़ गया. नये उद्योग लगाने के लिए बिहार में कोई नीति ही नहीं है. मुजफ्फरपुर की लीची विश्व प्रसिद्ध है. क्या यहां फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है?

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