अपने अंदर ब्रह्म की भावना रखें : माधवानंद

अपने अंदर ब्रह्म की भावना रखें : माधवानंदफोटो—राजसंवाददाता, रांचीमनुष्य को हमेशा अपने अंदर यह भावना रखनी चाहिए कि हम ब्रह्म के रूप हैं. ब्रह्म के स्वरूप का अनुभव होने पर मनुष्य सत्य कर्म करता है. सत्यकर्म अनात्मा से आत्मा को जोड़ने का काम करता है. उक्त बातें सोमवार को चिन्मय मिशन आश्रम में चूड़ामणि पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 6:10 PM

अपने अंदर ब्रह्म की भावना रखें : माधवानंदफोटो—राजसंवाददाता, रांचीमनुष्य को हमेशा अपने अंदर यह भावना रखनी चाहिए कि हम ब्रह्म के रूप हैं. ब्रह्म के स्वरूप का अनुभव होने पर मनुष्य सत्य कर्म करता है. सत्यकर्म अनात्मा से आत्मा को जोड़ने का काम करता है. उक्त बातें सोमवार को चिन्मय मिशन आश्रम में चूड़ामणि पर प्रवचन करते हुए स्वामी माधवानंद ने कहीं. उन्होंने कहा कि मानव जीवन अच्छे कार्य करने के लिए मिला है, लेकिन मोह, माया एवं स्वार्थ के कारण हम अपने कार्य से विमुख हो जाते हैं. संध्या में रामचरित मानस पर प्रवचन करते हुए स्वामी जी ने कहा कि भगवान राम पर्वत पर सत्संग कर लोगों को जीवन के महत्व के बारे में बता रहे हैं.

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