मुख्यमंत्री ने किया पूजा पंडालों का भ्रमण

मुख्यमंत्री ने किया पूजा पंडालों का भ्रमणवरीय संवाददाता, रांची मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को रांची के कई पूजा पंडालों का भ्रमण किया. उनके साथ मंत्री सीपी सिंह भी थे. वह दिन में ही पूजा पंडालों का भ्रमण करने निकले. सीएम सबसे पहले हरमू पंच मंदिर पहुंचे. आयोजकों ने सीएम का साफा पहनाकर स्वागत किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 7:11 PM

मुख्यमंत्री ने किया पूजा पंडालों का भ्रमणवरीय संवाददाता, रांची मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को रांची के कई पूजा पंडालों का भ्रमण किया. उनके साथ मंत्री सीपी सिंह भी थे. वह दिन में ही पूजा पंडालों का भ्रमण करने निकले. सीएम सबसे पहले हरमू पंच मंदिर पहुंचे. आयोजकों ने सीएम का साफा पहनाकर स्वागत किया. सीएम इसके बाद सत्य अमर लोक हरमू रोड, आरआर स्पोर्टिंग क्लब रातू रोड, भारतीय युवक संघ बकरी बाजार, राजस्थान मित्र मंडल सेवा सदन रोड, चंद्रशेखर आजाद क्लब मेन रोड, रेलवे स्टेशन पूजा समिति के पंडालों का भ्रमण किया. सीएम ने सभी पंडालों में मत्था टेका और राज्य की खुशहाली की कामना की. पंडाल के आयोजकों ने कहीं बुके देकर तो कहीं साफा पहनाकर सीएम और मंत्री का स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने पंडालों में की गयी कलाकारी की तारीफ की. इनके साथ भाजपा रांची महानगर के नेता संजय सेठ, केके गुप्ता, शास्वत दूबे, पार्षद ओमप्रकाश व अन्य लोग थे. शक्ति को दुरुपयोग न होने दें : रघुवर दास मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूजा पंडाल भ्रमण के क्रम में मीडिया से बात करते हुए कहा: दुर्गा पूजा के पुनीत पर्व के अवसर पर शक्ति की अराधाना करता हूं तथा मां से यह प्रार्थना करता हूं कि मुझे इतनी शक्ति दे जिससे झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता का विकास कर सकूं, गरीबों के आंसू पोछ सकूं तथा गांव में रहने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला सकूं. मुख्यमंत्री ने नक्सलियों के संदर्भ में कहा कि समाज की मुख्यधारा से भटके हुए नौजवानों से अपील करते हैं कि वे शक्ति का दुरुपयोग न होने दें और इसका उपयोग रचनात्मक कार्यों में करें. उन्होंने कहा : माता हमें सृजन करने की शक्ति दे, हम विकास के रास्ते पर चलें, हमारे पांव सत्य के मार्ग पर चलने में डगमगाये नहीं. पंडालों की भव्यता के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत के कण–कण में कला व्याप्त है और एक प्रदेश की छटा दूसरे प्रदेशों में भी दिखती है. यही संस्कृति हिंदुस्तान को जोड़ कर रखती है और भारत के विश्व गुरू होने का मार्ग प्रशस्त करती है. सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल हैं रांची के मुसलमान उन्होंने कहा कि मुसलमान भाईयों द्वारा मुहर्रम का जुलूस नहीं निकालने का निर्णय दूसरे धर्म के प्रति आदर भाव तथा सांप्रदायिक सौहार्द्र का बेमिसाल उदाहरण है. रांची के मुसलमान सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल हैं. उन्होंने कहा कि पर्व–त्योहार हमें प्रेम, भाईचारा तथा सौहार्द्र का संदेश देता है. पिछले दिनों रांची के लोगों ने जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठ कर आपसी सौहार्द्र एवं भाईचारा की अनुपम मिसाल पेश की है और यही हमारी संस्कृति है. यह सुखद संकेत है कि राज्य की जनता विकास चाहती है.

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