रांची: झारखंड के अधीनस्थ न्यायालयों में 10 साल से अधिक समय से लंबित मामले के त्वरित निष्पादन में ज्यूडिशियल ऑफिसर्स वर्क डिस्पोजल (ग्रेडिंग) रूल्स कारगर साबित हो रहा है. रूल्स बनने के बाद वर्षों से लंबित मामलों के निबटारे में तेजी आयी है. पिछले एक माह (सितंबर) में 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित 160 मामलों का निष्पादन हुआ है. इनमें से 63 मामले सिविल विवाद और 97 मामले क्रिमिनल विवाद से जुड़े थे. फिलहाल अधीनस्थ न्यायालयों में 10 साल से अधिक समय से लंबित मामलों की संख्या 8818 है. यह राज्य की निचली अदालतों में लंबित कुल मामलों का 3.14 प्रतिशत है.
गुमला में सबसे अधिक 1028 मामले लंबित हैं. वहीं सिमडेगा में ऐसे मामलों की संख्या मात्र पांच है. राज्य की निचली अदालतों में लंबित मामलों की कुल संख्या 2,80,828 हैं. इनमें पांच से 10 साल पुराने मामलों की संख्या 45,839 है.
हर माह एक केस निबटाना है: झारखंड हाइकोर्ट की ओर से लागू किये गये नये यूडिशियल ऑफिसर्स वर्क डिस्पोजल (ग्रेडिंग) रूल्स के तहत न्यायिक अधिकारियों को हर माह कम से कम एक पांच से 10 साल पुराने मामले को निबटाना है. ऐसा नहीं करने वाले न्यायिक अधिकारियों को फाइनल एसेसमेंट के बाद एक ग्रेड नीचे करने की बात कही गयी है. इसमें दस साल पुराने मामले को निष्पादित करने पर 10 और पांच साल पुराने मामले को निष्पादित करने पर प्रत्येक न्यायिक अधिकारियों को आठ प्वाइंट मिलेगा. इसी प्रकार पांच साल पुराने आपराधिक मामलों को निष्पादित करने पर पांच अंक दिये जायेंगे. रूल्स में अलग-अलग मामले के निबटारे पर अलग-अलग प्वाइंट देने का उल्लेख किया गया है.
निचली अदालतों में 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामले
जिला संख्या
बोकारो 197
चतरा 176
डालटनगंज 852
देवघर 766
धनबाद 736
दुमका 244
जमशेदपुर 620
गढ़वा 1028
गिरिडीह 991
गोड्डा 370
गुमला 159
हजारीबाग 659
जामताड़ा 46
कोडरमा 280
लातेहार 44
लोहरदगा 33
पाकुड़ 182
रांची 931
साहेबगंज 83
सरायकेला 276
सिमडेगा 05
चाईबासा 130
कुल 8831