नवपत्रिका प्रवेश के साथ मां की आराधना शुरू

नवपत्रिका प्रवेश के साथ मां की आराधना शुरू वरीय संवाददाता, रांची नवपत्रिका प्रवेश के साथ मंगलवार से मां की विधिवत आराधना शुरू हो गयी. दुर्गा बाटी सहित अन्य बांग्ला मंडप में सुबह छह बजे कोला बउ को स्नान कराने के लिए विभिन्न नदी व तालाब गये. जहां कोला बउ का स्नान कराने के बाद वहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2015 10:17 PM

नवपत्रिका प्रवेश के साथ मां की आराधना शुरू वरीय संवाददाता, रांची नवपत्रिका प्रवेश के साथ मंगलवार से मां की विधिवत आराधना शुरू हो गयी. दुर्गा बाटी सहित अन्य बांग्ला मंडप में सुबह छह बजे कोला बउ को स्नान कराने के लिए विभिन्न नदी व तालाब गये. जहां कोला बउ का स्नान कराने के बाद वहां से गाजे बाजे के साथ इसे लाया गया अौर पूजा स्थल के समीप इसे स्थापित किया गया. इसी के साथ मां की विधिवत पूजा अर्चना शुरू हो गयी. यहां पंडित काशीनाथ व शांतनु भट्टाचार्य ने पूजा अर्चना करायी. काफी संख्या में भक्त मां के दर्शन व पूजा अर्चना के लिए विभिन्न पूजा पंडालों में आये थे. प्रात: सात बजे चंडी पाठ शुरू हो गयी, जिससे वातावरण भक्ति मय हो गया. साढ़े नौ बजे भोग निवेदन किया गया व दिन के दस बजे पुष्पांजलि की गयी. वहीं शाम में सात बजे संध्या आरती व रात्रि आठ बजे भोग निवेदन किया गया. अन्य बांग्ला मंडपों में पूजा अर्चना की गयी. 21 अक्तूबर को महाअष्टमी की पूजा अर्चना प्रात: छह बजे से आरंभ हो जायेगी. इसके तुरंत बाद से चंडी पाठ आरंभ हो जायेगा. प्रात: सात बजे कुवांरी कन्या का पूजन किया जायेगा. प्रात: सवा सात बजे भोग निवेदन व साढ़े नौ बजे पुष्पांजलि की जायेगी. यहां प्रात: 8.11 बजे के बाद से संधि पूजा आरंभ हो जायेगा. बलिदान : 8.35 बजे के बाद होगा अौर 8.59 बजे के अंदर पूजा का समापन हो जायेगा. वहीं शाम में सात बजे संध्या आरती व रात्रि आठ बजे भोग निवेदन किया गया .गुरुवार को नवमी व विजयादशमी की पूजा 22 अक्तूबर गुरुवार को प्रात: 5.55 बजे महानवमी की पूजा व चंडी पाठ शुरू होगा. प्रात: 6.50 बजे भोग निवेदन होगा. सवा नौ बजे के अंदर पुष्पांजलि की जायेगी. यह पुष्पांजलि दशमी में होगी. श्री श्री विजयादशमी पूजा आरंभ प्रात: 7.04 के बाद होगा. पूजा समापन एवं मंत्रागिक विसर्जन प्रात: 9.40 बजे के अंदर होगा. वहीं प्रतिमा निरंजन (विसर्जन) – सायं 5.16 बजे के बाद होगा. इसके बाद शांति जल दिया जायेगा. इसी दिन बांग्ला मंडपों सहित अन्य छोटे-छोटे पंडालों की प्रतिमाअों का विसर्जन कर दिया जायेगा.

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