मेन रोड नहीं जायेगा मुहर्रम जुलूस

रांची: मुहर्रम के पहलाम व नौवीं का जुलूस मेन रोड, महावीर चाैक अपर बाजार नहीं जायेगा़ सभी अखाड़े अपने-अपने क्षेत्र के इमाम बाड़ों में ही अस्त्र-शस्त्र का खेल प्रदर्शित करेंगे़ धवताल अखाड़ा के प्रमुख खलीफा मो मंसूर गद्दी, इमाम बख्श अखाड़ा के प्रमुख खलीफा मो सईद, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष गुल मोहम्मद गद्दी व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2015 1:50 AM

रांची: मुहर्रम के पहलाम व नौवीं का जुलूस मेन रोड, महावीर चाैक अपर बाजार नहीं जायेगा़ सभी अखाड़े अपने-अपने क्षेत्र के इमाम बाड़ों में ही अस्त्र-शस्त्र का खेल प्रदर्शित करेंगे़ धवताल अखाड़ा के प्रमुख खलीफा मो मंसूर गद्दी, इमाम बख्श अखाड़ा के प्रमुख खलीफा मो सईद, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष गुल मोहम्मद गद्दी व महासचिव अकीलुर्रहमान ने संयुक्त रूप से कहा है कि बरियातू, मोरहाबादी, एदलहातू, भीठा, चंदवे, जयपुर, पुरानी रांची, पहाड़ी टोला, गाड़ी खाना, हरमू, थड़पखना, लालपुर, हिंदपीढ़ी, सेंट्रल स्ट्रीट, ग्वाला टोली, कुरबान चौक, बंसी चौक, माली टोला, नेजाम नगर, मोजाहिद नगर, खेत मोहल्ला, करबला चौक, कोनका रोड, कलाल टोली, कांटा टोली, सहित शहर के सभी अखाड़े अपने-अपने क्षेत्र में ही खेल का प्रदर्शन करेंगे़
प्रमुख खलीफा मो सईद, मंसूर गद्दी व सेंट्रल मुहर्रम कमेटी ने सभी अखाड़ों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी अखाड़े हर हाल में अपने-अपने क्षेत्रों में आपसी सदभाव बनाये रखे़ं भाईचारे के साथ अस्त्र-शस्त्र का खेल प्रदर्शित करे़ं.

हम मोहम्मद के निगहगारों का गम करते हैं
रांची. शिया मुसलमानों ने शुक्रवार को विश्वकर्मा मंदिर लेन मेन रोड स्थित एडवोकेट सैयद यावर हुसैन के आवास (अनवर आर्केड) से नौवीं मुहर्रम का जुलूस निकाला़ मौके पर या हुसैन की सदाएं लगातार गूंजती रही़ यह मातमी जुलूस डॉ फतेहउल्ला रोड होते हुए मसजिद ए जाफरिया परिसर पहुंचा़ वहां मजलिस के दौरान मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि यह गौरव की बात है कि भारत में हर धर्म-मजहब के लोगों को अपनी आस्था के अनुसार इबादत करने का अधिकार है़ हमें देश में हर तरह के भेदभाव मिटाने की जरूरत है़ नौहाखानी के दौरान कासिम अली, अली रजा, जीशान अली व असगर ईरानी ने ‘ अपने प्यारों का ना दिलदारों का गम करते हैं, हम माेहम्मद के निगहगारों का गम करते हैं’ और ‘फातिमा तेरे बच्चों का हश्र (कयामत) तक यू हीं हाेता रहेगा, ये जमीन इनके नौहे पढ़ेगी सुन के आसमां रोता रहेगा’ नौहा पेश किये़ मजलिस के बाद हजरत इमाम हुसैन का ताबूत निकाला गया़ .

इसलाम कभी भी आतंकवाद का समर्थक नहीं रहा : सैयद तहजीबुल
सैयद तहजीबुल ने कहा कि सन 61 हिजरी में हजरत इमाम हुसैन (रजि) इसलाम की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए अपने साथ अपने परिवार के सदस्य, दोस्त व समर्थकों के साथ शहीद कर दिये गये़ आतंकवादी और अत्याचारी यजीद ने इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों को तीन दिन तक भूखे-प्यासा रखा़ उनके छह माह के पुत्र अली असगर, भाई हजरत अब्बास भी शहीद किये गये़ तभी से तमाम दुनिया के ना सिर्फ मुसलमान बल्कि दूसरी कौम के लोग भी इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मना कर उनको याद करते है़ं इसलाम कभी भी आतंकवाद का समर्थक नहीं रहा है और न रहेगा़.

कभी आतंकवादी नहीं हो सकता सच्चा मुसलमान
आज यजीद का नाम दुनिया से खत्म हो चुका है़ कोई भी मुसलमान और इस्लाम में आस्था रखनेवाला शख्स अपने बेटे का नाम यजीद नहीं रखता़ जबकि दुनिया में अपने बच्चों का नाम हजरत हुसैन और उनके शहीद साथियों के नाम पर रखनेवाले अरबों मुसलमान है़ं

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