मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या पर आरएसएस की बैठक में चर्चा, लाया जायेगा प्रस्ताव
रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर देश में जनसंख्या वृद्धि में हो रही असमानता पर प्रस्ताव लाया जायेगा. 30 अक्तूबर से रांची के सरला बिड़ला स्कूल में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक है. बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जायेगी. एक नवंबर तक चलनेवाली बैठक में वर्तमान सामाजिक स्थितियों पर […]
रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर देश में जनसंख्या वृद्धि में हो रही असमानता पर प्रस्ताव लाया जायेगा. 30 अक्तूबर से रांची के सरला बिड़ला स्कूल में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक है. बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जायेगी. एक नवंबर तक चलनेवाली बैठक में वर्तमान सामाजिक स्थितियों पर भी चर्चा की जायेगी. यह जानकारी संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने दी. वह स्कूल परिसर में पत्रकारों से बात कर रहे थे़.
कार्य विस्तार पर भी चर्चा होगी
मनमोहन वैद्य ने कहा : 2011 की जनगणना रिपोर्ट आ चुकी है. हजारिका आयोग की रिपोर्ट चौंकानेवाली है. असम और बंगाल की डेमोग्राफी बदल रही है. 2050 तक यहां भारतीयों की संख्या विदेशियों से कम हो जायेगी. बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव लाया जायेगा कि ऐसी पॉलिसी बने जो इस पर नियंत्रण कर सके. उन्होंने कहा : बैठक में संघ के कार्य विस्तार पर भी चर्चा की जायेगी. बैठक की अध्यक्षता सर संघ चालक मोहन भागवत करेंगे.
कल्पना से भी अधिक संख्या में लोग संघ से जुड़े
उन्होंने कहा : कल्पना से भी अधिक संख्या में लोग संघ से जुड़े हैं. संघ से युवाओं का लगातार जुड़ाव हो रहा है. संघ इस बात को लेकर विचार कर रहा है कि कैसे इनका सदुपयोग किया जा सके. संघ की वेबसाइट ज्वाइन आरएसएस के आंकड़े के अनुसार, 2011 में प्रतिमाह 354 लोग जुड़ रहे थे. 2012 में यह आंकड़ा एक हजार, 2013 में 2500, 2014 में सात हजार और अक्तूबर 2015 तक आठ हजार प्रतिमाह हो गया. इनमें ज्यादातर 25 से 35 आयु वर्ग के युवा हैं. इन्हें शाखा से भी जोड़ने पर विचार चल रहा है. उन्होंने कहा : भारत के युवा अपने देश की सामाजिक व संस्कृति से जुड़ाव चाहते हैं, यही वजह है कि वे संघ से जुड़ना चाहते हैं.
90 प्रतिशत तहसील तक संघ का विस्तार
श्री वैद्य ने संघ की संरचना पर जानकारी देते हुए बताया : 1925 में संघ की स्थापना हुई थी. पहले 15 साल तक सभी प्रांतों तक इसकी पहुंच बनी. अगले 40 वर्षों में संघ ने अपनी पकड़ 840 जिलों में बनायी. अब तहसील और तालुका तक पहुंचने की कवायद चल रही है. 6100 खंड अभी है. इसमें 90 प्रतिशत तक संघ की पहुंच हो चुकी है. अब गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य है. छह लाख गांवों तक संघ के विस्तार का लक्ष्य है.
राज्यों में प्रवास करेंगे संघ के बड़े पदाधिकारी
उन्होंने बताया कि संघ में प्रवास का अपना महत्व है. सर कार्यवाह और सह सर कार्यवाह प्रत्येक प्रांत में प्रवास करेंगे. वहीं क्षेत्र और प्रांत स्तर के कार्यकर्ता देशभर के अलग-अलग खंड में जायेंगे. इस कार्यक्रम पर गुरुवार को काफी विचार-विमर्श हुआ है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल जैसे पहाड़ी इलाकों में भी देश की संस्कृति की बात पहुंचाने संघ के कार्यकर्ता जायेंगे. अभी इन इलाकों में कार्यकर्ता जाने लगे हैं. बेहतर काम हो रहा है. केरल जैसे राज्य में भी तेजी से संघ का विस्तार हुआ है.
साल में दो बार होती है राष्ट्रीय स्तर की बैठक
श्री वैद्य ने बताया कि साल में दो बार संघ की राष्ट्रीय स्तर की बैठक होती है. एक दीपावली के पूर्व और दूसरी बैठक मार्च में होती है. संघ का कार्य जून-जुलाई में आरंभ होता है. इसके मध्यावधि में कार्यों के लेखा-जोखा की समीक्षा कार्यकारी मंडल की बैठक में की जाती है. इसमें विभिन्न राज्योें के संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं.
संघ की अनुषंगी इकाइयों के प्रमुख भी लेंगे हिस्सा
30 अक्तूबर से होनेवाली बैठक में संघ की अनुषंगी इकाइयों के प्रमुख प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल, सह संगठन मंत्री राम माधव, सह संगठन मंत्री सौदान सिंह, विहिप के अंतरराष्ट्रीय महासचिव प्रवीण भाई तोगड़िया रांची पहुंच गये हैं. सूत्रों के अनुसार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी बैठक में हिस्सा लेने अा सकते हैं. बिहार चुनाव की वजह से अभी तक उनका कार्यक्रम तय नहीं है. तीन दिन तक चलनेवाली बैठक में वह एक दिन हिस्सा ले सकते हैं.