रांची में संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक शुरू, बोले दत्तात्रेय होसबले संघ मजहब आधारित आरक्षण के खिलाफ
रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा है कि संघ संविधान में प्रदत्त आरक्षण जारी रखने के पक्ष में है, लेकिन मजहब आधारित किसी भी प्रकार के आरक्षण के पूरी तरह विरुद्ध है. संविधान में किये गये आरक्षण के प्रावधानों का संघ न सिर्फ समर्थन करता है, बल्कि उसने […]
रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा है कि संघ संविधान में प्रदत्त आरक्षण जारी रखने के पक्ष में है, लेकिन मजहब आधारित किसी भी प्रकार के आरक्षण के पूरी तरह विरुद्ध है. संविधान में किये गये आरक्षण के प्रावधानों का संघ न सिर्फ समर्थन करता है, बल्कि उसने 1981 में अपनी प्रतिनिधि सभा में आरक्षण के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित किया था.
दत्तात्रेय होसबले संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक शुरू होने के बाद शुक्रवार को रांची के सरला बिरला स्कूल परिसर में पत्रकारों से बात कर रहे थे़ इस दौरान उनके साथ संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य भी मौजूद थे़ सरसंघ चालक मोहन भागवत के आरक्षण मुद्दे पर दिये गये बयान संबंधी सवाल पर दत्तात्रेय ने कहा कि मीडिया ने इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. संघ संविधान के दायरे में ही आरक्षण चाहता है.
दत्तात्रेय ने पुरस्कार लौटानेवाले लोगों को हताश बताया़ कहा : ऐसे लोग खुद को अलग कर लोगों का ध्यान खींचना और खबरों में रहना चाहते हैं. इससे बेहतर भारत, विकास, लोगों की बेहतर जीवन शैली, देश का गौरव व राष्ट्रवाद की भावना जैसी चीजें नहीं रुक सकती. पुरस्कार लौटानेवालों ने खुद को धर्मनिरपेक्षता और स्वतंत्रता का ठेकेदार मान लिया है. पर जनता सब जानती है. दूसरों को असहिष्णु बतानेवाले ये लोग तब कहां थे, जब कश्मीर में सैकड़ों हिंदू मारे गये थे. असहिष्णुता की बात करनेवाले ये लोग षडयंत्र कर रहे हैं.
सामाजिक सौहार्द्र नहीं बिगाड़ा जा सकता
दादरी की घटना और माहौल खराब करने के सवाल पर दत्तात्रेय ने कहा : उत्तर प्रदेश में सरकार किसकी है. कर्नाटक में सरकार किसकी है. गुजरात की घटना के वक्त तो कोई केंद्र सरकार की बात नहीं करता था. लोग मोदी सरकार के ही बारे बोलते थे. तो अब उत्तर प्रदेश सरकार की बात क्यों नहीं होती. उन्होंने कहा : किसी को मार डालना या किसी का घर जलाना निंदनीय है. सामाजिक सौहार्द्र नहीं बिगाड़ा जा सकता. संघ भी इसकी निंदा करता है. पर कुछ लोगों को सिर्फ राजनीति करनी है.
आरएसएस कोई पंचिंग बैंग नहीं
असम व बंगाल की बदलती डेमोग्राफी (जनसंख्या वृद्धि में असामनता) को नियंत्रित करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा : इससे संबंधित प्रस्ताव कार्यकारी मंडल की बैठक में लाया गया है. प्रस्ताव पारित होने पर इसकी सूचना दी जायेगी. अभी तक तो एक ही प्रस्ताव है. बैठक में कोई अौर प्रस्ताव यदि अाया, तो इसकी जानकारी दी जायेगी. संघ की खिलाफत व आलोचना करने की तथाकथित बढ़ती प्रवृत्ति के बारे दत्तात्रेय ने कहा : आरएसएस कोई पंचिंग बैग नहीं है. हर आलोचना व विरोध चुपचाप नहीं सहा जा सकता. आरएसएस को लोगों ने स्वीकार किया है. संघ की आलोचना करनेवाले लोग किसी मुद्दे पर बहस, तर्क या वाद-विवाद नहीं करना चाहते. यह ठीक नहीं है.
हिंदू समाज में विषमता मिटाना चाहता है संघ
दत्तात्रेय होसबले ने कहा : गो सेवा व सामाजिक समरसता जैसे कार्य के अलावा संघ हिंदू समाज के बीच विषमता व छुआछूत की भावना मिटाना चाहता है. हम चाहते हैं कि सभी शहर व गांव में सभी जातियों के लिए एक श्मशान हो. मंदिरों में सभी जातियों के लोग जायें, जल स्रोतों जैसे तालाब, कुआं व अन्य में सब लोग पानी लें. इन सबके लिए हम कार्य कर रहे हैं.