महिलाओं को बनायें स्वावलंबी : सुदर्शन

रांची: केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि हर हाल में महिलाओं को स्वावलंबी बनायें. केंद्र सरकार महिलाओं के उत्थान को लेकर कृत संकल्प है. महिलाओं को ध्यान में रख कर योजनाएं बनायी जाये और उसकी निगरानी भी हो. पशु पालन, कुकुट पालन आदि में बेहतर काम कर महिलाओं को आगे बढ़ाया जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 12:59 AM

रांची: केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि हर हाल में महिलाओं को स्वावलंबी बनायें. केंद्र सरकार महिलाओं के उत्थान को लेकर कृत संकल्प है. महिलाओं को ध्यान में रख कर योजनाएं बनायी जाये और उसकी निगरानी भी हो. पशु पालन, कुकुट पालन आदि में बेहतर काम कर महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सकता है. श्री भगत मंगलवार को होटल बीएनआर में आयोजित जेंडर ट्रांसफॉर्मेटिव रूरल लाइवलीहुड : स्ट्रेटेजीज फॉर कनवर्जेंस विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला में बोल रहे थे.

यहां महिलाओं के उत्थान पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई. कार्यशाला का आयोजन यूएन वूमेन द्वारा किया गया था. इस कार्यशाला में तमिलनाडु, उतरप्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, अोड़िशा, झारखंड सहित कई राज्यों के एनजीअो सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

मिशन अंत्योदय योजना शुरू : अमरजीत सिन्हा : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा है कि देश भर में ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए मिशन अंत्योदय योजना शुरू की गयी है. योजना के तहत गरीबी के कारणों को दूर करते हुए ग्रामीणों की आजीविका को सुधारा जायेगा. इसके लिए दीनदयाल कौशल विकास योजना, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, आवास की सुविधा और अन्य आधारभूत संरचना गरीबों को मुहैया करायी जायेगी.उन्होंने कहा कि हर परिवार की आजीविका को संदर्भ मानकर योजनाएं चलायी जायेंगी, जिसके लिए सामाजिक आर्थिक जनगणना को मानक बनाया जायेगा.

तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और केरल में महिलाएं घर से बाहर निकल कर पुरुषों के वर्चस्व वाले इलाकों में काम करने लगी हैं. उन्होंने कहा कि बालिकाओं का शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ा है. प्राथमिक शिक्षा में आज भी बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है.

जमीन में भागीदारी मिलनी चाहिए : जेके महापात्रा : केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव जेके महापात्रा ने जमीन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में 79 प्रतिशत महिलाएं दूसरे के खेतों में मजदूरी करती हैं. इनमें से 10 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना जमीन नहीं है. महिलाओं को रैयती जमीन में हिस्सेदारी मिले, इसके लिए कानून में सुधार करने की आवश्यकता है.

टेनेंसी एक्ट कानूनों में रैयतों के अधिकार की समीक्षा करते हुए परिवार की महिलाओं के नाम भी जमीन का नामांतरण करने की सुविधा बहाल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि महिला कामगारों की तरफ से रोजगार के प्रति ललक कम हो रही है. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष पांच फरवरी को मनरेगा का एक दशक पूरा होगा. मनरेगा की सफलता और असफलता पर भी समीक्षा करने की
आवश्यकता है.

समय पर हो मजदूरों का भुगतान : ज्यां द्रेज : अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कार्यक्रम में मनरेगा मजदूरों का भुगतान समय पर करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में महिलाएं समेकित बाल विकास परियोजनाएं संभाल रही हैं, पर झारखंड में अब भी मनरेगा मजदूरों को 161 रुपये की मजदूरी मिल रही है. यह बाजार दर की तुलना में काफी कम है. भारत और दक्षिण एशिया में आज भी महिलाएं पुरुषों पर ही निर्भर हैं. भारत में अब भी 25 फीसदी, नेपाल में 80 फीसदी और बांग्लादेश में 58 फीसदी महिलाएं लेबर फोर्स पार्टिशिपेशन का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि चाइल्ड डेवलपमेंट इंडेक्स में तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और केरल सबसे अव्वल राज्य हैं, पर झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश और हिंदी भाषी राज्य पिछले पायदान पर हैं.

महिलाओं के प्रति लोगों की सोच बदले : नीलकंठ
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि आज महिलाओं के प्रति लोगों की सोच देख कर पीड़ा होती है. समाज में इस तरह की कुरीतियों को दूर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि महिलाओं का जिस तरीके से विकास होना चाहिए था, आज वह नहीं हो पाया है. महिलाएं उस हिसाब से नहीं बढ़ सकी हैं. महिलाओं के प्रति जो विचार होना चाहिए था, वह नहीं हुआ. यही वजह है कि आज झारखंड में महिलाएं काफी पीछे हैं. महिलाओं को पैर पर खड़ा रखने के लिए कुछ योजना बनाने की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि महिलाओं के विकास में ग्रामीण विकास की अहम भूमिका है. मनरेगा में मजदूरी कर उन्हें लाभ मिल सकता है. दूसरी पाली में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. इसमें राज्य के ग्रामीण विकास के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, महाराष्ट्र रूरल लायवलीहुड मिशन के सीइअो सुमन रावत सहित अन्य ने अपनी बातें रखी.

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