स्नातक की डग्रिी दे रहा स्कूल परीक्षा बोर्ड

स्नातक की डिग्री दे रहा स्कूल परीक्षा बोर्ड जैक द्वारा ली जाती है मदरसा की आलिम व फाजिल की परीक्षा कमेटी ने की थी पढ़ाई को विश्वविद्यालय के अधीन करने की अनुशंसा मदरसा की स्नातक व पीजी की डिग्री को नहीं मिलती मान्यता संवाददाता रांची. राज्य में मदरसा की स्नातक स्तर की परीक्षा झारखंड एकेडमिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 9:54 PM

स्नातक की डिग्री दे रहा स्कूल परीक्षा बोर्ड जैक द्वारा ली जाती है मदरसा की आलिम व फाजिल की परीक्षा कमेटी ने की थी पढ़ाई को विश्वविद्यालय के अधीन करने की अनुशंसा मदरसा की स्नातक व पीजी की डिग्री को नहीं मिलती मान्यता संवाददाता रांची. राज्य में मदरसा की स्नातक स्तर की परीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल (स्कूल परीक्षा बोर्ड) द्वारा लिया जा रहा है, जबिक झारखंड एकेडमिक काउंसिल स्कूल बोर्ड है़ जैक द्वारा इंटर तक की परीक्षा ली जाती है़ मदरसा में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई को विश्वविद्यालय के अधीन करने का प्रस्ताव भी तैयार हुआ था़ विधानसभा में भी सरकार ने इस संबंध में आश्वासन दिया, पर कार्रवाई नहीं हुई़ झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने भी इन परीक्षाओं से जैक को मुक्त करने का आग्रह सरकार से किया है़ इसके बाद भी सरकार की आेर से अब तक कोई पहल नहीं हुई़ मदरसा में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई मापदंड के अनुरूप नहीं होने के कारण डिग्री को मान्यता नहीं मिलती़ प्रतियोगिता परीक्षा में परीक्षार्थी इस आधार पर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते़ झारखंड से प्रति वर्ष लगभग पांच हजार परीक्षार्थी परीक्षा में पास होते हैं. मदरसा में आलिम (बीए) आलिम ऑनर्स (बीए अॉर्नस) व फाजिल (एमए) की परीक्षा होती है़ राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2014 में मदरसा व मध्यमा की पढ़ाई को लेकर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन ओझा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था़ कमेटी अपनी अनुशंसा गत वर्ष ही सरकार को सौंप दी थी़ कमेटी ने मदरसा में वस्तानियां (8वां) की परीक्षा बंद करने की अनुशंसा की थी़ कमेटी ने अपनी अनुशंसा में कहा था कि राज्य में कक्षा आठ के स्तर पर कोई बोर्ड परीक्षा नहीं होती है, इसलिए मदरसा में भी वस्तानिया की परीक्षा बंद कर दी जाये. कमेटी ने मदरसा की फौकानियां (10वीं) व मौलवी (12वीं ) के पाठ्यक्रम को राज्य में प्रभावी मैट्रिक व इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम के अनुरूप बदलाव करने की अनुशंसा की थी़ कमेटी ने आलिम व फाजिल की पढ़ाई विश्वविद्यालय के अधीन करने की अनुशंसा सरकार से की थी़ कमेटी की अनुशंसा के एक वर्ष बाद भी सरकार द्वारा इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया़

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