महिलाओं की आजीविका पर काम करने की जरूरत

रांची : केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव शारदा मुरलीधरन ने कहा कि अभी महिलाअों की आजीविका पर और काम करने की जरूरत है. महिलाअों को आजीविका से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूह का सराहनीय योगदान है. पर इस पर अभी और भी काम किये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि महिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2015 6:32 AM

रांची : केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव शारदा मुरलीधरन ने कहा कि अभी महिलाअों की आजीविका पर और काम करने की जरूरत है. महिलाअों को आजीविका से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूह का सराहनीय योगदान है. पर इस पर अभी और भी काम किये जाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि महिला आजीविका की स्थिति में सुधार के लिए योजनाअों में संशोधन करने की भी जरूरत है. शारदा मुरलीधरन बुधवार को यहां होटल बीएनआर में महिलाअों की आजीविका, सुरक्षा व सशक्तीकरण पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन पर बोल रहीं थी. कार्यसाला का आयोजन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से यूएन वूमेन ने किया था. दूसरे दिन तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. इसके बाद कार्यशाला के निष्कर्ष पर चर्चा हुई. धन्यवाद ज्ञापन यूएन वूमेन की प्रतिनिधि डॉ रेबेका रिचमेन ने किया. उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से महिलाअों के उत्थान में अानेवाली कई बाधाएं सामने आयी हैं. हम संबंधित पॉलिसी में सुधार करेंगे. उन्होंने कहा कि महिलाएं गरीबी को मात दे रही हैं.

सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान जरूरी: विजयालक्ष्मी
बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की सीइअो डॉ एन विजयालक्ष्मी ने कहा कि हम महिलाअों की आर्थिक विकास की बातें करते रहे हैं. वहीं सुरक्षा की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं, पर उनकी सामाजिक सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा. महिलाएं सुरक्षा के अभाव में रोज कठिनाइयां झेलती है. उनकी इन परेशानियों पर मंथन करने की जरूरत है.

महिला आजीविका हक के रूप में बढ़े : यामिनी
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की डॉ यामिनी ने कहा कि ग्रामीण विकास की योजनाएं चुनौती के रूप में सामने है. यह महिलाअों के लिए अवसर भी है. इस पर विस्तार से चर्चा करने की जरूरत है. महिलाअों की आजीविका को हक के रूप में प्रोत्साहित करने की जरूरत है. यानी महिला आजीविका हक के रूप में बढ़े.

ऋण देकर महिलाअों को सुदृढ़ बनायें : वलसाला
सरकार में कुदुंबश्री के कार्यकारी निदेशक वलसाला कुमारी ने ग्रामीण महिलाअों के वित्तीय पोषण पर अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन पर काम करनेवाली स्वयं सहायता समूह ऋण देकर महिलाअों को सुदृढ़ बना सकती है. उन्होंने इसकी नीतियों में तब्दीली की बात कही.

आजीविका के कार्यक्रम को तेज करें : डॉ पाम
केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय के उच्च स्तरीय कमेटी की अध्यक्ष डॉ पाम राजपूत ने कहा कि आजीविका के कार्यक्रम को तेज करें. ऐस सारे कार्यक्रमों को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. इसे पूरे देश में लागू किया जाये. ग्रामीण विकास मंत्रालय का यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता पर महिलाअों पर ध्यान देने की जरूरत है. इसकी नीति पर संशोधन करने की भी जरूरत है.

राज्य में हुई है अनूठी पहल : पारितोष
जेएसएलपीएस के सीइअो पारितोष उपाध्याय ने कहा कि झारखंड में महिलाअों की आजीविका पर अनूठी पहल हुई है. महिलाएं कृषि क्षेत्र में ही नहीं, अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर कर रही हैं. सारंडा में भी उन्होंने अपनी पहचान बनायी है. महिला समाख्या की साहिदा खातून ने झारखंड में महिलाअों की चल रही अदालत पर अपने अनुभव लोगों से बांटे.

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