ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग

ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग उत्तर या पूर्व की दिशा में रखें दीपक की लौ वाला हिस्सा रांची : शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में दीपावली पूर्व विशेष ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग का आयोजन किया गया. वास्तु विशेषज्ञ बिमलेश कुमार ने पाठकों के सवालों के जवाब में बताया कि वास्तुशास्त्र में भवन की विभिन्न दिशाओं की महत्वपूर्ण व्याख्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2015 9:44 PM

ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग उत्तर या पूर्व की दिशा में रखें दीपक की लौ वाला हिस्सा रांची : शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में दीपावली पूर्व विशेष ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग का आयोजन किया गया. वास्तु विशेषज्ञ बिमलेश कुमार ने पाठकों के सवालों के जवाब में बताया कि वास्तुशास्त्र में भवन की विभिन्न दिशाओं की महत्वपूर्ण व्याख्या की गयी है. साथ ही वास्तुदोष को दूर करने के विभिन्न उपाय बताये गये हैं. इसमें वास्तु संबंधी सामग्रियों का महत्वपूर्ण स्थान है जो घर, दुकान, कार्यालय आदि में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं. यदि व्यक्ति धन की कमी से लगातार जूझ रहा है तो लक्ष्मीपूजन के साथ ही पूजा स्थल पर कुबेर पोटली स्थापित कर सकता है. व्यक्ति को धन की प्राप्ति विभिन्न रूपों में जैसे भूखंड की प्राप्ति, आभूषण के तौर पर होती है. वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के अंदर-बाहर के हिस्से में दीप को इस प्रकार जलायें की उसकी लौ वाला मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रहे. यह धन व समृद्धि दिलाने में मददगार होता है. व्यवसाय तथा उद्योग करनेवालों के लिए श्री संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना करना काफी फलदायक होता है. इसी तरह लक्ष्मी पूजन के स्थान पर दक्षिणावर्ती शंख रखा जाना चाहिए. दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी का सहोदर भाई कहा जाता है. भगवान विष्णु के अनुसार इस शंख में सभी तीर्थ निवास करते हैं. दक्षिणावर्ती और मोती शंख का जोड़ा पूजा स्थल पर रखने से दरिद्रता, असफलता और व्यापार में घाटा दूर होता है.

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