विलेज ग्रेन बैंक का 19678 क्विंटल चावल हुआ गायब

रांची : खाद्य अापूर्ति विभाग के अधिकारियों ने गरीबों के लिए मिले करीब 19678 क्विंटल चावल गायब कर दिया है. इसके साथ ही सरकार के करीब तीन करोड़ रुपये (15 रु किलो के हिसाब से) भी डूब गये हैं. दरअसल यह चावल गरीबों को बांटने के लिए विलेज ग्रेन बैंक (ग्रामीण अन्न कोष) के नाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2015 1:36 AM

रांची : खाद्य अापूर्ति विभाग के अधिकारियों ने गरीबों के लिए मिले करीब 19678 क्विंटल चावल गायब कर दिया है. इसके साथ ही सरकार के करीब तीन करोड़ रुपये (15 रु किलो के हिसाब से) भी डूब गये हैं. दरअसल यह चावल गरीबों को बांटने के लिए विलेज ग्रेन बैंक (ग्रामीण अन्न कोष) के नाम पर मिले थे. यह वर्ष 2011-12 की केंद्रीय योजना थी, जो अकाल, सुखाड़ या अभाव की स्थिति में खाद्य सुरक्षा के तहत गरीबों को देने के लिए थी. गरीबों को यहां से अनाज उधार मिलना था, जिसे बाद में वे लौटा देते.

इससे पहले प्रभात खबर में चावल गायब होने संबंधी खबर छपने के बाद राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के प्रबंध निदेशक बालेश्वर सिंह ने इसकी खोज-खबर ली थी. पता चला कि रांची व कोडरमा को छोड़ राज्य के शेष 22 जिलों को यह चावल आवंटित किया गया था, पर इसके आगे कुछ नहीं हुआ. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, अलग से कोई ग्रेन बैंक नहीं बनाया जा सका था, इसलिए संबंधित जिलों के खाद्य अापूर्ति पदाधिकारियों तथा आपूर्ति निरीक्षकों (सप्लाइ इंस्पेक्टर) के माध्यम से पीडीएस डीलरों को ही यह चावल उपलब्ध करा दिया गया था.

उन्हें यह चावल सुरिक्षत रखना था, पर न तो इस चावल का समायोजन हुआ है अौर न ही इसकी कीमत ही वसूली जा सकी है. चावल कहां गया, इसके पैसे का क्या हुआ, इसकी कोई जानकारी राज्य खाद्य निगम को नहीं है.

Next Article

Exit mobile version