भाषा-संस्कृति ही राज्य की पहचान: मुख्यमंत्री
भाषा-संस्कृति ही राज्य की पहचान: मुख्यमंत्रीतसवीर राज वर्मा देंगे-झारखंड पैवेलियन का हुआ उदघाटन-तीन दिनों तक चलेगा सांस्कृतिक कार्यक्रमवरीय संवाददाता, रांचीमुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि किसी भी राज्य की पहचान उसकी भाषा और संस्कृति से ही होती है. अपनी भाषा, परंपरा व संस्कृति लोगों तक पहुंचाना है, ताकि लोग अपनी राज्य की विशेषता को जान […]
भाषा-संस्कृति ही राज्य की पहचान: मुख्यमंत्रीतसवीर राज वर्मा देंगे-झारखंड पैवेलियन का हुआ उदघाटन-तीन दिनों तक चलेगा सांस्कृतिक कार्यक्रमवरीय संवाददाता, रांचीमुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि किसी भी राज्य की पहचान उसकी भाषा और संस्कृति से ही होती है. अपनी भाषा, परंपरा व संस्कृति लोगों तक पहुंचाना है, ताकि लोग अपनी राज्य की विशेषता को जान सकें. आज हम आधुनिक युग में जी रहे हैं. यही वजह है कि आज के युवा संस्कृति व परंपरा से कटते जा रहे हैं. इसे हमें बचाना है. मुख्यमंत्री शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान में झारखंड पैवेलियन के उदघाटन के बाद रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड पैवेलियन के जरिये लोगों को झारखंड के प्रत्येक जिलों की संस्कृति, धरोहर के साथ-साथ विभिन्न याेजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है. स्थापना दिवस के मौके पर बच्चों के लिए कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है. मौके पर पर्यटन मंत्री अमर बाउरी ने कहा सांस्कृतिक दृष्टिकोण से झारखंड को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समृद्धशाली बनाना है. अब झारखंड निर्माण की बात होनी चाहिए, ताकि लोग अपनी संस्कृति को जानें. इस झारखंड पैवेलियन में लोग तीन दिनों तक विभिन्न जिलों की संस्कृति व धरोहर के बारे में जानकारी ले सकेंगे. पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि पैवेलियन का उद्देश्य राज्य की विशेषता को बताना है. साथ ही सरकार की योजनाओं के विषय में जानकारी देना है. मौके पर अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय, अमित खरे, निधि खरे, प्रमंडलीय आयुक्त केके खंडेलवाल समेत पर्यटन व कला संस्कृति विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद थे. सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये जायेंगे झारखंड पैवेलियन में तीन दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये जायेंगे. यहां लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ झारखंडी व्यंजनों का भी स्वाद चखेंगे. पैवेलियन में रांची जिला समेत अन्य जिलों के भी स्टॉल लगाये गये हैं. शुक्रवार की शाम पैवेलियन का पूरा परिसर गीत-संगीत व नृत्य से झूम उठा.