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आइएसएम में एटॉमिक मिनरल माइनिंग एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी

आइएसएम में एटॉमिक मिनरल माइनिंग एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने की तैयारीपिछले दिनों आइएसएम दौरे पर आये आस्ट्रेलियन डिप्टी हाई कमिश्नर के साथ बन चुकी है सहमतियह पहला मौका होगा कि एटॉमिक एनर्जी पर भारत व आस्ट्रेलिया दोनों मिल कर माइनिंग मिनरल के क्षेत्र में एजुकेशन प्रोग्राम चलायेंगेवरीय संवाददाता, धनबादआइएसएम आस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर […]

आइएसएम में एटॉमिक मिनरल माइनिंग एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने की तैयारीपिछले दिनों आइएसएम दौरे पर आये आस्ट्रेलियन डिप्टी हाई कमिश्नर के साथ बन चुकी है सहमतियह पहला मौका होगा कि एटॉमिक एनर्जी पर भारत व आस्ट्रेलिया दोनों मिल कर माइनिंग मिनरल के क्षेत्र में एजुकेशन प्रोग्राम चलायेंगेवरीय संवाददाता, धनबादआइएसएम आस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर एटॉमिक मिनरल माइनिंग एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी में है. पिछले दिनों आइएसएम दौरे पर आये आस्ट्रेलियन डिप्टी हाई कमिश्नर के साथ इस बात पर आइएसएम की सहमति भी बन चुकी है. अब इसे सिर्फ कार्य रूप दिया जाना है. इस बात की पुष्टि आइएसएम माइनिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो फाल्गुनी सेन ने भी की है. उन्होंने बताया कि यह पहला मौका होगा कि एटॉमिक एनर्जी पर भारत व आस्ट्रेलिया दोनों मिल कर माइनिंग मिनरल के क्षेत्र में एजुकेशन प्रोग्राम चलायेंगे. उन्होंने बताया कि गत वर्ष आस्ट्रेलिया दौरा के समय प्रधानमंत्री के साथ हुए एमओयू में दो मुद्दे क्लीन कोल तथा एनर्जी पर दोनों देश के साथ मिलजुल कर काम करने का समझौता हुआ था. क्लीन कोल पर कार्य शुरू हो चुका है, जबकि एनर्जी पर काम शुरू होना है.रिसर्च के साथ होगी शुरुआत : प्रो सेन ने बताया कि पीएचडी मास्टर ऑफ फिलॉस्फी से इस एजुकेशन प्रोग्राम की शुरुआत होगी. बाद में परफॉरमेंस के आधार पर आगे एम टेक तथा उसके बाद में बी टेक प्रोग्राम भी शुरू करने की योजना है. उन्होंने बताया कि एनर्जी के मुख्य स्रोत अब तक कोल है. 70 प्रतिशत एनर्जी कोल से मिलती है, जबकि एटॉमिक से अब केवल चार प्रतिशत एनर्जी ही मिल पाती है, इसे बढ़ाना देश ही नहीं पूरे विश्व की जरूरत है. उन्होंने बताया कि अभी भी मेट्रो माइनिंग मेथड पर संस्थान में हल्की पढ़ाई होती है, लेकिन आगे इसे वृहत रूप में शुरू करना है.अन्य देशों के साथ भी एमओयू : प्रो सेन ने बताया कि माइनिंग के क्षेत्र में काम के लिए जर्मनी, साउथ अफ्रिका के साथ भी आइएसएम का एमओयू हुआ है, जबकि कनाडा टोरेंटो के साथ बातचीत चल रही है.क्या होगा फायदा : आइएसएम के स्टूडेंट्स को आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी तथा वहां के स्टूडेंट्स को आइएसएम में दूसरे सेमेस्टर में पढ़ाई का मौका मिलेगा. पहले दोनों संस्थानों की एकेडमिक काउंसिल इस मुद्दे पर आपस में मिल कर कार्यक्रम तय करेंगे, उसके बाद उसे कार्य रूप दिया जायेगा.

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